
लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में हुआ 36 बच्चों का जन्म
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन में देशभर में फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को संचालन किया। भारतीय रेलवे ने एक ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी कि इन ट्रेनों में 37 बच्चों का जन्म हुआ। सभी को ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई।
भारतीय रेल द्वारा लाखों श्रमिकों एवम् उनके परिवारों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए हजारों श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं जिनमें अब तक 37 बच्चों का जन्म हुआ है।
इन सभी को ट्रेन में और विभिन्न स्टेशनों पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध करायी गयी। pic.twitter.com/aNkHA7J9aA
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 10, 2020
रेलवे ने ट्विटर पर एक अखबार की कटिंग भी पोस्ट की है, जिसमें बताया गया है कि ट्रेन में मुंबई से यूपी जा रही रीना ने पुत्र को जन्म दिया। रीना ने बेटे का नाम लॉकडाउन यादव रखा है। उनका कहना है कि उन्होंने बेटे का नाम लॉकडाउन इसलिए रखा, ताकि इस मुश्किल घड़ी को हमेशा के लिए याद रखा जा सके। उनका कहना है कि मेरे बेटे ने बेहद मुश्किल हालात में जन्म लिया है।
इस पोस्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ निवासी ईश्वरी देवी ने ट्रेन में बेटी को जन्म दिया। उनके पति ने बताया कि लोगों ने उनको बेटी का नाम बीमारी कोरोना के नाम पर रखने को कहा था। लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। मैं अपनी बेटी का नाम उस बीमारी के नाम पर कैसे रख सकता हूं, जिसने कई जिंदगियां बर्बाद कर दीं। उन्होंने बताया कि उन्होंने बेटी का नाम करुणा रखा है, जिसका अर्थ होता है दया और सेवा भाव।
इस पोस्ट में बताया गया है कि ईश्वरी देवी भी उन तीन दर्जन महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने गर्भावस्था के दौरान भूख और बेरोजगारी जैसे मुश्किल हालात का सामना किया। उन्होंने मुश्किल और असामान्य परिस्थितियों में बच्चे को जन्म दिया।
वहीं जामनगर- मुजफ्फरपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुईं ममता चाहती थीं कि बिहार के छपरा जिले मे अपने घर में जब वह बच्चे को जन्म दें, तो उनकी मां भी उनके साथ हों, लेकिन उन्होंने अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही बच्चे को ट्रेन में जन्म दिया।