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कुम्भ मेला 2021: निर्धारित समय पर होगा कुम्भ : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

कुम्भ मेले के आयोजन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने की चर्चा
इस वर्ष भी आयोजित होगी छड़ी यात्रा, धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग को नामित किया गया नोडल विभाग
कुम्भ मेले के आयोजन में परम्पराओं एवं मर्यादाओं का होगा अनुपालन
सभी निर्माण कार्य 15 दिसम्बर से पूर्व हो पूर्ण- अधिकारियों को दिये निर्देश

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देवभूमि मीडिया ब्यूरो
कुम्भ मेले की बैठक में पहुंचे अखाडा परिषद् के अध्यक्ष की बिगड़ी तबियत
महंत इन्द्रेश हॉस्पिटल पहुँचाया गया
देहरादून : वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होनेवाले कुम्भ मेले की तैयारियों के सम्बन्ध में सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ बैठक के दौरान अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की तबियत बिगड़ने पर उन्हें महंत इन्देश हॉस्पिटल भेजा गया है जहाँ चिकित्सक उनकी जांच कर रहे हैं ।
मंत्री मदन कौशिक ने मीडिया को बताया कि बैठक की समाप्ति होने ही वाली थी कि अचानक अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी के सीने में दर्द की शिकायत हुए जिन्हें तुरंत एम्बुलेंस से महंत हॉस्पिटल भेजा गया है, जहाँ डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं ।
देहरादून : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से यह आयोजन सफल होगा। शनिवार को सचिवालय में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं महामंत्री तथा अन्य पदाधिकारियों के साथ कुम्भ मेले के आयोजन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने व्यापक विचार विमर्श किया। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव श्री ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री अशोक कुमार के साथ ही शासन के उच्चाधिकारी एवं मेले से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं के तहत किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्थायी व अस्थायी निर्माण कार्यों को 15 दिसम्बर से पूर्व सम्पन्न करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये।
बैठक में सभी अखाड़ों के सुझावों पर मुख्यमंत्री ने नील धारा सहित अन्य क्षेत्रों में निर्मित होने वाले स्नान घाटों के नाम 13 अखाड़ों के ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने, 2010 कुम्भ मेले की भांति इस बार भी उतने ही क्षेत्रफल में कुम्भ मेले के आयोजन, मंशा देवी हिल वाई पास सड़क को मेले के दौरान प्रयोग में लाये जाने तथा आन्तरिक सड़कों के निर्माण में तेजी लाये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में संत महात्माओं को भू समाधि के लिये स्थान चयन को संत समाज के हित में लिया गया निर्णय बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष भी सभी अखाड़ों के सहयोग से छड़ी यात्रा आयोजित की जायेगी धर्मस्व एवं संस्कृति विभाग इसका नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि कुम्भ मेले को भव्य एवं दिव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये लगातार बैठकें की जाती रही हैं। कोविड के कारण उत्पन्न समस्याओं का तत्समय आभास नहीं था। पूरा विश्व इस संकट का सामना कर रहा है। इससे सभी स्तरों पर कार्यों की गति में अवरोध पैदा हुआ है उन्होंने कहा कि इस दौरे से भी हम निजात पायेंगे तथा संतों के आशीर्वाद से इस आयोजन को बेहतर तरीके से सम्पन्न कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में देश काल व परिस्थिति के अनुसार भी निर्णय लिया जायेगा। आगे स्थितियां कैसी होगी, इसका पूर्वानुमान लगाया जाना कठिन है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी संत महात्माओं को उनकी अगुवाई में राम मन्दिर निर्माण के शिलान्यास के लिये भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसके लिये हमारे संत महात्माओं ने भी अपना बलिदान दिया। आखिर वह शुभ दिन आया जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री राम के भव्य मन्दिर का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि कुम्भ मेले के आयोजन में सभी अखाड़ों का सहयोग मिल रहा है। अखाड़ों की सुविधा के लिये भी सभी व्यवस्थायें की जा रही हैं। निर्माण कार्यों में तेजी लायी गई है। कोरोना के कारण इसकी गति कुछ धीमी जरूर हुई है। कुम्भ मेले से सम्बन्धित सभी पुलों, स्नान घाटों, सड़कों, आस्था पथों आदि का निर्माण 15 दिसम्बर तक पूर्ण हो इसका प्रयास किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेन्द्र गिरी ने उज्जैन व प्रयाग राज कुम्भ की भांति अखाड़ों को धनराशि व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने की बात रखी। उन्होंने अखाड़ों में साफ-सफाई व अतिक्रमण को हटाने, आवागमन व पेशवाई मार्ग निर्धारण, पुलों, घाटों के निर्माण में तेजी लाये जाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों की ओर से हर संभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
इस अवसर पर मेलाधिकारी श्री दीपक रावत द्वारा निर्माण कार्यों से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री महन्त हरि गिरि, श्री महन्त प्रेम गिरि, श्री महन्त महेश पुरी, श्री महन्त सत्यगिरि, श्री महन्त कैलाशपुरी, श्री महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्माचारी, श्री महन्त सोमेश्वरानन्द ब्रह्मचारी, श्री महन्त ओंकार गिरि, श्री महन्त रविन्द्र पुरी सहित बड़ी संख्या में संत महात्मा एवं अधिकारी गण उपस्थित थे।

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