UTTARAKHAND

”कौथिग” में बॉलीवुड के गायको ने बिखेरा स्वरों का जादू

नवी मुम्बई  :   नई मुंबई में कौथिग में आज जहां पहाडी लोकसंगीत अपने पूरे माधुर्य के साथ था वहीं बालीवुड के दिग्विजय और हेरी आनंद जैसे बडे गायक भी समा बांधते हुए दिखे। उत्तराखड का समाज जहां रेशमा शाह के गीतों पर झूमा वहीं बालावुड के गायको को अपने ने बीच पाकर उत्साहित था।
 
उत्तराखंड की प्रसिद्ध गायिका रेशमा  शाह  ने अपने गीतों की सुरुआत देणा होया खोली का गणेश से की। इसके बाद वह अपने गीतों के साथ लोगों को जौनसार की वादियों में ले गई। जख होली मा नंदा मेरी और प्रसिद्ध गीत भांघ घोटा सेमनिया जैसे गीतों की लय सबको मंत्रमुग्ध कर गई। ट्ट
 
दिग्विजय सिंह अब स्टार प्लस के शो दिल है हिंदुस्तानी में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। साथ ही वह फरहान अक्तर की फिल्म राक आन में भी गाना गा रहे हैं। लेकिन कौथिग में उन्होंने चल रे मेरा मोती ढांगा गीत सुनाया साथ ही कुछ आधुनिक गीतों को सुनाया। प्रसिंद्ध संगीतकार हैरी आनंद ने नमस्ते नंदन का मैं कहीं भी रहूं गीत से लोगों को मुग्ध किया।
 
सारेगामा फेम अनिता भट्ट जुन्यली राता गीत सुनाकर पुराने लोकगीतों को याद दिलाई। आयोजन के अंत में लोकगायिका ने मेरा मोहना और संगीता मी फोन करलूं गीत पर देर तक लोग झूमते रहे। आयोजन की एख खास प्रस्तुति स्थानीय बच्चों की रही। गढवाली और कुमाऊनी लोकगीतों पर उनकी प्रस्तुति देखते ही बनी। वहीं
 
 
संगीता सोम की पहाडी न्यूली सुनाई साथ ही बाबू गोपाल गोस्वामी का गीत सुनाया। कौथिग में आज भी लोगों की अच्छी खासी उपस्थिति रही। प्रागण में लोग पहाडी लोकगीत धुन पर नाचते रहे।

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