दोनों BDC सदस्यों ने DM से अपने वोट निरस्त करने की मांग
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
पौड़ी (गढ़वाल)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों (Panchayat Elections) में ख़रीद-फ़रोख्त (Horse Trading) की आशंकाएं तब सच साबित हुई जब दो बीडीसी सदस्यों ने ब्लाक प्रमुख पर धमकाने ही नहीं बल्कि वोट के बदले नोट का मामला भी दर्ज करवाया है। इतना ही नहीं इन BDC सदस्यों ने जिलाधिकारी पौड़ी से पाने वोट निरस्त करने का प्रार्थना पत्र भी दिया है और सुरक्षा की भी मांग की है।
(Pauri Garhwal) में चुनाव संपन्न हो जाने के बाद पहला एक ऐसा मामला आधिकारिक रूप से दर्ज हुआ है जिसमें दो बीडीसी सदस्यों (BDC Members) ने प्रमुख पर डरा-धमकाकर और पैसे का प्रलोभन देकर उनका वोट लेने का आरोप लगाया है। इन दोनों ने पौड़ी के ज़िलाधिकारी (Pauri Garhwal DM) को बाकायदा शिकायत कर दोनों महिला बीडीसी सदस्यों ने अपने वोट निरस्त करने का प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने अपनी जान को ख़तरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है।
गौरतलब हो कि पौड़ी ज़िले के पाबौं ब्लॉक प्रमुख पद पर कांग्रेस प्रत्याशी रजनी देवी सिर्फ़ एक वोट से जीती हैं। नए घटनाक्रम के सामने आने के बाद अभी दिन पहले मिली ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। जिले की ताल क्षेत्र से बीडीसी सदस्य सरोजनी देवी और गड़ीगांव क्षेत्र से बीडीसी सदस्य स्वाति नेगी ने ब्लॉक प्रमुख और उनके पति पर डरा-धमकाकर और प्रलोभन देकर अपने पक्ष में जबरन वोट देने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी और एसपी से गुहार लगाई है।
ज़िलाधिकारी पौड़ी के पास शिकायत करने के लिए पहुंचीं दोनों बीडीसी सदस्यों ने आरोप लगाया कि बीडीसी सदस्य का चुनाव जीतते ही रजनी देवी और उनके पति अमित रावत उन पर दबाव डाल रहे थे। दोनों ने कहा कि इन दोनों के बहुत ज़्यादा दबाव डालने पर इन्होंने रजनी देवी (रावत) के पक्ष में मतदान किया। इतना ही नहीं सरोजनी देवी ने तो यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने पैसे लेने से इनकार किया तो रजनी देवी ने उनके घर में पैसे फिंकवा दिए। सरोजनी देवी ने कहा कि रजनी देवी के लोग उनका और स्वाति नेगी का चुनाव जीतने का प्रमाण पत्र छीनकर ले गए थे और अपनी पार्टी के लोगों को वही दिखाकर उनके समर्थन का दावा भी किया था।
दोनों BDC सदस्यों ने चुनाव संपन्न हो जाने के बाद अब भी धमकाए जाने का आरोप लगाया है। वहीं पौड़ी के ज़िलाधिकारी डीएस गरबियाल ने एसएसपी से इनकी शिकायतों की जांच करने और जान के ख़तरे की आशंका की पड़ताल करने को कहा है। पौड़ी के एसएसपी को लिखे पत्र में ज़िलाधिकारी ने यह भी कहा कि अगर दोनों बीडीसी सदस्यों को जान का ख़तरा लगता है तो उन्हें सुरक्षा दी जाए।