कॉर्बेट पार्क में न मिले घूमने को तो जाइये पास ही नेपाल के शुक्लाफांटा पार्क

- कॉर्बेट पार्क से इतर एकऔर भी है राष्ट्रीय पार्क
- वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर
कमल जगाती
नैपालके महेन्द्रनगर के समीप शुक्लाफांटा नामक राष्ट्रीय पार्क में बाघ, गुलदार, गैंडे, हिरण, पायथन, मगरमच्छ, जंगली सूकर, नील गाय और 424 प्रजाति की चिड़िया समेत काफी सारे वन्यजीव देखने को मिल जाते हैं । हिंदुस्तान में बनबसा के बॉर्डर के गड्ढा चौकी से दो किलोमीटर दूर, महेन्द्रनगर की तरफ आने के बाद, सीधे हाथ मे बड़ा गेट शुक्लाफांटा नैशनल पार्क के नाम से है ।
इसके अन्दर तीन किलोमीटर आने के बाद शुक्लाफांटा नैशनल पार्क मिलेगा जिसकी सुरक्षा नेपाल आर्मी के अधीन है। ये पार्क कुछ कोनों में हिंदुस्तान के दुधवा नैशनल पार्क से जुड़ा है । कुल 305 स्क्वायर किलोमीटर में बने इस पार्क में दुनिया के सबसे अधिक हिरण और बारह सिंघा एक साथ झुण्ड में देखे जा सकते हैं । यहां का ग्रास लैंड 54 किलोमीटर लम्बा है और यहां चौधर नदी में जानवरों की साइटिंग की संभावना भी अधिक है । यहां भारत जैसे कड़े नियमों की गैरमौजूदगी में आप सूरज ढलने तक दिनभर पार्क में घूम सकते हैं ।
हल्द्वानी से करीब 150 किमी की दूरी पर नेपाल के मझगांव स्थित यह पार्क रामनगर के कार्बेट पार्क से थोड़ा अलग है। शुक्लाफांटा पार्क में खुद अपनी कार, जीप आदि से गाइड लेकर करीब 30 किमी अंदर तक जा और आ सकते हैं। इस दौरान प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों को देखकर रोमांचित हो सकते हैं। वहां कार्बेट की तरह मारामारी नहीं होती। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बारहसिंघे झुंडों में देखे जा सकते हैं। सफर के दौरान फूलों की खुशबू मन को लुभाती है।
महेन्द्रनगर में भीमदत्त नगर पालिका के मेयर सुरेंद्र बिष्ट ने बताया कि शुक्ला फाटा को जल्द लोगों के अनुरूप सुधारा जाएगा । ये राजशाही के दौरान शिकार आरण्य(हंटिंग रिज़र्व)के रूप में जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका संरक्षण शुरू किया गया । अब यहां से लोगों को विस्थापित कर इसे टाइगर रिजर्व के रूप में ही डेवलप किया जा रहा है । यहां थारू और राणा संस्कृति के लोग हैं जिन्हें पर्यटकों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है ।
महेन्द्रनगर में झिलमिला ताल और सिद्धनाथ मंदिर, भंकिनी धाम, साकेत धाम, बारह कुण्ड को लेकर एक पर्यटन सर्किट पर काम चल रहा है । नैपाल में भारत के 60 रुपये के अनुपात में लगभग 100 रुपये दिए जाते हैं । यहां होम-स्टे की सुविधा के चलते भी कम बजट वाले सैलानियों को आर्थिक भार नहीं वहन करना पड़ता है । नैपाल में ही इस नैशनल पार्क से कुछ किलोमीटर दूर एयर पोर्ट है जहां से सवा घंटे में काठमांडू पहुंचा जा सकता है । नैपाल पहले से ही विदेशी सामन के लिए मशहूर है । वहां के जनप्रतिनिधियों और व्यवसाइयों ने भरोसा दिलाया है कि मेहमानों की मदद करने के लिए नैपाल की सीमा में हैल्पलाइन नंबर दिए जाएंगे ।
पार्क में पाए जाने वाली स्तनधारी वन्यजीवों की प्रजातियां- 53
पक्षियों की प्रजातियां- 138
बारहसिंघा हिरण- 2200 (लगभग)
बाघ – 15
हाथी – 18
गैंडा – 8
इच्छुक लोगों के लिए मेयर सुरेंद्र बिष्ट का फोन नंबर #977-9858750213/977-9805756600
व्यापारी परमानंद भंडारी # 977-9858750070