ELECTION

गामा को मिली ऑक्सीजन, कांग्रेस के मंसूबों पर फिरा पानी

  • काफी मान-मनोब्बल के बाद माने उमेश अग्रवाल 
राजेन्द्र जोशी 
देहरादून : नगर निगम में मेयर सीट पर सुनील उनियाल गामा को भाजपा द्वारा टिकट दिया जाना पार्टी के कई लोगों को ठीक नहीं लगा। शायद यही कारण है कि भाजपा के कई नेताओं ने टिकट बंटवारे पर अपनी नाराजगी जाहिर की और पार्टी के तमाम कार्यक्रमों से वे गैरहाजिर रहे। ऐसे ही एक नेता हैं उमेश अग्रवाल जो मेयर के टिकट के लिए मज़बूत दावेदार तो थे ही साथ ही उन्हें भाजपा का मज़बूत स्तम्भ भी माना जाता रहा है। सुनील उनियाल ”गामा” को मेयर का टिकट दिए जाने से वे पिछले एक सप्ताह से वे पार्टी से नाराज चल रहे थे। 
उमेश अग्रवाल की भाजपा से नाराजगी  के मौके का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस ने उनसे संपर्क साधा और कांग्रेस में शामिल होने के कई प्रस्ताव भी रखें, लेकिन उमेश अग्रवाल ने  कांग्रेस में जाने से साफ इंकार कर दिया। इस बात का खुलासा आज खुद उमेश अग्रवाल ने करते हुए कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात के बाद अब वे पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार प्रसार करेंगे। 
वहीं  पार्टी के अंदरूनीतौर पर समझौते के बाद अब खास बात यह है कि उमेश अग्रवाल के पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में आने के बाद देहरादून में हर सीट पर भाजपा प्रत्याशी सुनील उनियाल गामा की मुश्किलें अब कम हो गई है। उमेश अग्रवाल ने न केवल प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के आवास जाकर खुद के नाराज ना होने की बात कही बल्कि महानगर कार्यालय में पहुंचकर प्रत्याशी सुनील उनियाल गामा के साथ गले लगकर खुद को पार्टी का सच्चा सिपाही भी साबित कर दिया। 
बहरहाल भाजपा के लिए यह खबर जहां यह खुशखबरी है वहीं कांग्रेस के लिए परेशान करने वाली है कि वह अपने मंसूबों में नाकामयाब रही है। अब देखना होगा कि भाजपा कैसे निकाय चुनाव पर अपनी रणनीति के तहत जीत दर्ज कराती है, और कांग्रेस किस रणनीति को अपनाकर भाजपा को परास्त करने में सफल होती है।

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