पूर्व सैनिक एक साल में निकाल सकते हैं कश्मीर समस्या का हल : सुब्रह्मण्यम स्वामी

पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये आठ पत्रकार सम्मानित
पत्रकारिता के उच्च मापदंड देश की मजबूती में सहायक सिद्ध होंगेः सीएम
पाठकों एवं दर्शकों को न्यूज और व्यूज का घालमेल विस्मय में डाल देता है
देहरादून : सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि देश में अगर दस लाख पूर्व सैनिकों को पैसा और हथियार देकर कश्मीर भेज दें तो एक साल के भीतर सब ठीक कर देंगे। कश्मीर में पत्थरबाजी पर उन्होंने कहा कि युवाओं को बाकायदा पैसा दिया जा रहा है। कश्मीर पुलिस पर पत्थर फेंकने का 500 रुपये, सीआपीएफ पर पत्थर फेंकने का 1000 रुपये और सेना पर पथराव का 2000 रुपये दिया जाता है।उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी नीति में परिओवरटन करें तो कुछ एक साल के भीतर कश्मीर समस्या का हल निकल जाएगा।
उन्होंने नारद जयंती के मौके पर विश्व संवाद केंद्र के पत्रकार सम्मान समारोह में पहुंचे राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कुछ इस अंदाज में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर पूर्व सैनिकों को हथियार और पैसा देकर कश्मीर की जिम्मेदारी सौंप दें तो एक साल के भीतर कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।
स्वामी ने कहा कि देश में सांस्कृतिक क्रांति होनी चाहिए। 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद इसकी शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में हिंदू संस्कृति को छोड़कर 46 में से 45 संस्कृतियां विलुप्त हो चुकी हैं। थोड़ा इंतजार करो, धारा 370 पर भी फैसला ले लिया जाएगा।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि तीन तलाक और मुस्लिमों के कानून को लेकर अगर ऑस्ट्रेलिया सहित दूसरे देशों में यूनिफार्म सिविल कोड का पालन किया जा सकता है तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? मामला सुप्रीम कोर्ट में है, उम्मीद है जल्द ही इस पर फैसला होगा।
उन्होंने राम मंदिर के मामले पर भी अपनी बात रखी और अगले साल अयोध्या में राम मंदिर बनाने की हुंकार भरी। इस मसले पर वह सात जून को अयोध्या में सभी संगठनों की बैठक भी बुलाने जा रहे हैं।
वहीँ ओएनजीसी सभागार में नारद जयंती के अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र द्वारा आयोजित पत्रकार सम्मान समारोह में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता के उच्च मापदंड देश की मजबूती में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कई बार पत्रकारिता में न्यूज और व्यूज का घालमेल पाठकों एवं दर्शकों को विस्मय में डाल देता है। न्यूज और व्यूज़ के अन्तर को समझकर ही पत्रकारिता के उच्च आदर्शां को पाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के संदर्भ में कहा कि आपदा रिपोर्टिंग के समय तथ्यों के प्रस्तुतिकरण में बेहद संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है। कई बार किसी क्षेत्र विशेष की रिपोर्टिंग पूरे प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय को प्रभावित कर देती है। ऐसे में यह आवश्यक है कि जो स्थान आपदा से प्रभावित नहीं है, उनके बारे में भी स्पष्ट सूचना पाठकों को दी जाय।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों का आह्वान किया है कि वे, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और स्वच्छ भारत अभियान में अपनी लेखनी के माध्यम से बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। विशेष रूप से पिथौरागढ़ जनपद में बेहद कम लिंगानुपात पर चिन्ता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के सभी कर्णधारों को मिलकर स्थिति में सुधार करना होगा। इससे पूर्व समारोह के मुख्य वक्ता एवं राज्यसभा सांसद श्री सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देश की सम-सामयिक स्थितियों और पत्रकारिता के सरोकारों पर अपने विचार रखे।
विश्व संवाद केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये आठ पत्रकारों निशीथ सकलानी, राजकिशोर तिवारी, प्रशांत राय, राजेश बड़थ्वाल, निही शर्मा, आफताब अजमत, कुलदीप नेगी एवं चन्द्र प्रकाश बुड़ाकोटी को नारद सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मानित पत्रकारों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं सुब्रह्मण्यम स्वामी ने विश्व संवाद केन्द्र की ओर से प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिह्न प्रदान किया।