ELECTION

कांग्रेस के पास हारने को कुछ नहीं, जीते दो लड़ने होंगे दो और चुनाव !

  • कांग्रेस पार्टी ने अल्मोड़ा से राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा हैं मैदान में
  • तो टिहरी से विधायक प्रीतम सिंह को उतारा है चुनाव मैदान में
  • जीते तो उत्तराखंड को दो-दो उप चुनाव से होना पड़ेगा दो-चार 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के पास खोने को कुछ नहीं है। लेकिन टिकटों के बंटवारे में सियासी दांव से इस चुनाव को खासा दिलचस्प बना दिया है। स्थिति यह है कि कांग्रेस अगर अल्मोड़ा और टिहरी लोकसभा चुनाव में जीत का परचम लहराती है तो उसे दो उपचुनाव की भी तैयारी करनी होगी।

वर्ष 2009 के चुनाव में उत्तराखंड की पांचों सीटों पर कब्जा करने वाली कांग्रेस को 2014 के आम चुनाव में एक सीट भी नसीब नहीं हो सकी थी। यह स्थिति उस वक्त पैदा हुई, जबकि सूबे की सत्ता पर कांग्रेस ही काबिज थी। इस बार कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। पार्टी की मंशा इस बार 2009 का इतिहास दोहराने की है। यही वजह रही कि कांग्रेस को टिकटों की घोषणा करने में खासा वक्त लगा। इतना ही नहीं कांग्रेस ने अपने एक राज्यसभा सदस्य और एक विधायक को भी सियासी समर उतार दिया है। ऐसे में यह तय है कि अगर ऐ दोनों जीतते हैं तो उत्तराखंड को दो-दो उप चुनाव से दो-चार होना पड़ेगा।

दरअसल, कांग्रेस ने अल्मोड़ा सुरक्षित लोकसभा सीट से प्रदीप टम्टा को मैदान में उतारा है। प्रदीप इस समय राज्यसभा के सदस्य हैं औप उनका मुकाबला केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा से है। बताया जा रहा है कि प्रदीप को मैदान में उतारने पहले कांग्रेस ने पूरा गुणा-भाग किया। जीत के प्रति आश्वस्त होने के बाद भी यह फैसला किया गया। अब सवाल यह है कि अगर प्रदीप जीतते हैं तो क्या वे राज्यसभा से इस्तीफ देंगे। सियासी जानकारों का कहना है कि ऐसा शायद ही हो। इसकी वजह यह है कि एक तो उनका बतौर राज्यसभा सदस्य कार्यकाल ढाई साल से ज्यादा बचा है। फिर कांग्रेस को राज्यसभा में अपने संख्याबल को बचाए रखने की भी चिंता है। अगर प्रदीप रास से इस्तीफा देतें हैं तो विधानसभा में संख्याबल के आधार पर यह सीट तत्काल भाजपा के पास चली जाएगी। ऐसे में माना यही जा रहा है कि लोस चुनाव के कांग्रेस के पक्ष में जाएं या न जाएं, प्रदीप रास में ही रहेंगे। इस चुनाव में उन्हें खड़ा करने के पीछे कांग्रेस का मकसद महज भाजपा की एक सीट बढ़ने से रोकने तक ही सीमित है।

टिहरी संसदीय सीट से कांग्रेस ने अपने विधायक प्रीतम सिंह को टिकट दिया है। जाहिर है कि इस सीट पर भी कांग्रेस के रणनीतिकारों ने भाजपा की दो बार की सांसद राज्यलक्ष्मी शाह के खिलाफ प्रीतम को खड़ा करने से पहले तमाम संभावनाओं पर विचार किया होगा। अब अगर प्रीतम लोस के लिए चुने जाते हैं तो उत्तराखंड विधानसभा की चकराता सीट पर निश्चित तौर से उप चुनाव होगा।

Related Articles

Back to top button
Translate »