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उत्तराखंड के ग्रामीण अंचल के बाल गायकों ने दिखाया अपनी प्रतिभा का जलवा

  • गढ़वाल भवन दिल्ली में श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
  • पहली बार मंच पर चढ़े उत्तराखंड के ग्रामीण अंचल के बाल गायक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नयी दिल्ली : बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था (रजि.) दिल्ली ने उत्तराखंड ग्रामीण इलाकों के प्रतिभावान बाल गायकों जिनको कि संसाधन के बिना मंच नहीं मिल पाता उन बच्चों को एक नई पहचान व मंच देने के लिए  गित्येर 2018# प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड प्रदेश के 14 बच्चों ने प्रतिभाग किया जो कि उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, चमोली और अल्मोड़ा जिलों से आये थे।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी जी की उपस्थिति में इन गित्येर बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति पेश कर उनका दिल जीत लिया। नरेंद्र सिंह नेगी जी ने कहा कि बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था बधाई की पात्र है जो इन अनमोल रत्नों को ढूंढकर लाए । उन्होंने ने कहा कि इस तरह का आयोजन देखकर हमें लग रहा है कि हमारे लोक संगीत का भविष्य उज्ज्वल है ।
खचाखच भरे सभागार में  पहली बार अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे बच्चों ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ जो प्रस्तुतियां दी उन्हें देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा था कि ये पहली बार मंच से गा रहे हों। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल उत्तराखंड लोक संगीत की जानी मानी हस्तियां विजय सैलानी, डॉ. सतीश कालेश्वरी , शिवदत्त  पंत , अनुराधा निराला व किशन महिपाल थे।
जैसा कि प्रतियोगिता में एक को ही जीतना  होता है किंतु हमारी नज़र में यहां सभी बच्चे जीत कर गए। निर्णायक मंडल के निर्णय के बाद प्रथम स्थान के लिए अमन, द्वितीय स्थान के लिए करनपाल और तृतीय स्थान के लिए अखिलेश का चुनाव किया। संस्था ने तीनों को ट्रॉफी के साथ साथ शूज, रेनकोट, गिफ्ट हैम्पर व नगद राशि के तौर पर 21हज़ार ,  11हज़ार और  51सौ रूपये  की राशि भेंट की साथ ही बाकी 11 बच्चों को भी सहयोग राशि के तौर पर 21सौ रूपये रुपये प्रदान किये।
कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल ”गणी” द्वारा बड़ी ही कुशलता के साथ किया व कार्यक्रम में रोचकता बनाये रखी। कुल मिलाकर बद्री केदार सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था की कार्यकारिणी व सदस्य इस नेक कार्य के लिए बधाई की पात्र है।

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