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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने नज़दीक से जाना जनता का दर्द

तीन घंटे से भी अधिक समय तक सुनी फरियादियों की समस्या 

राजेन्द्र जोशी 

”जनता दर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत सोमवार को कड़क मिज़ाज़ के साथ कई बार फरियादियों के सामने बहुत ही सरल नज़र आये इतना ही कई मायनों में सरकार का यह जनता दर्शन कार्यक्रम अलग सा ही दिखाई दिया। प्रदेश की जहाँ समूची ब्यूरोक्रेसी यहाँ तलब की गयी थी तो जिला देहरादून के तमाम आला अधिकारियों तक को भी तलब किया गया था, हालाँकि जनता से जुडी अधिकाँश समस्याएं कानून व्यवस्था, राजस्व, आपदा मुआवजा, आर्थिक सहायता से जुड़ी समस्याएं जो जिले स्तर के अधिकारियों के स्तर पर ही हल करने लायक थी जिन्हे बेवजह अधिकारियों ने लम्बे समय से लटका रखा था और इन समस्याओं को डीएम की जगह सीएम को सुननी पड़ी। इस जनता दर्शन कार्यक्रम से यहाँ भी साफ़ हो गया सूबे की ब्यूरोक्रेसी किस कदर जनता के सवालों को सुलझाने की कोशिश करती है और यह भी बात सामने आयी कि यदि प्रदेश की जनता अपनी इन समस्यायों को लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में लेकर न जाए तो आखिर कहाँ जाये। वहीँ जनता की समस्याओं के देखते हुए मुख्यमंत्री रावत ने जनता दर्शन के लिए निर्धारित समय सीमा को लांघते हुए लगभग तीन  घंटे  से भी ज्यादा समय तक सबकी समस्याओं के निराकरण की कोशिश की इस दौरान मुख्यमंत्री कभी कड़क तो कभी नरम नज़र आये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने शिकायतों व समस्याओं को न केवल सुना बल्कि अधिकांश के निस्तारण के लिए संबंधित अधिकारियों  को टाईम बाउंड तरीके से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।”

देहरादून :  सोमवार सुबह से ही आम जन अपनी शिकायतों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कार्यालय पहुंचना शुरू हो गए। सभी लोगों की शिकायतों को बाकायदा रजिस्टर्ड किया गया। फिर एक-एक कर शिकायतकर्ताओं का नाम पुकारा गया। इस दौरान लगभग 450 से ज्यादा लोगों ने अपनी समस्याओं  को लेकर फ़रियाद लगायी।  वहीँ बारी-बारी से लोगों ने मुख्यमंत्री के रूबरू होकर अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने भी लोगों की बातों को पूरे गौर से सुना और आवश्यक निर्देश दिए।

श्री गंगा सिंह द्वारा कहा गया कि वे राज्य आंदोलनकारी रहे हैं और उनके पास आंदोलन के समय पास घायल होने की मेडिकल रिपोर्ट भी है। इस पर मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि श्री गंगा सिंह की शिकायत को डीएम चमोली को भेजते हुए निस्तारण एक सप्ताह कर दिया जाए। श्री मनमोहन सिंह बिष्ट के जमीन संबंधी विवाद का मामला काफी समय से लम्बित रहने की बात कहे जाने पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि जमीन संबंधी मामलों को तेजी से हल किया जाए।

जनता दर्शन कार्यक्रम में  पेट्रोल में हेराफेरी की शिकायत आने पर मुख्यमंत्री ने पैट्रोल पम्पों में घटतौली की जांच के लिए अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। एक शिकायतकर्ता द्वारा प्राईवेट जमीन पर भूमाफिया द्वारा सड़क बना दिए जाने व कुछ अन्य शिकायतकर्ताओं द्वारा भी भू माफिया संबंधी शिकायत किए जाने पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने शिकायतें सही पाए जाने पर संबंधित भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

एक व्यक्ति द्वारा यह कहे जाने पर कि 50 गज के प्लाॅट में मकान बनाने में भी अड़चनें पैदा की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने एमडीडीए के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आम जन को बिना वजह मकान बनाने में तंग न किया जाए। एक निर्धन बालक विशाल रस्तोगी के ईलाज के लिए मुख्यमंत्री ने 50 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की। सेवानिवृत्ति  संबंधी लाभ समय पर न मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों में हीलाहवाली बरदाश्त नहीं की जाएगी।

एक शिकायत यह आने पर कि पद न होने पर भी स्थानांतरण कर दिया गया, मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। वर्ष 2013 की आपदा में ब्याज माफी की घोषणा के बावजूद कुछ लोगों को लाभ न मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायत सही पाए जाने पर राज्य सरकार स्वयं ब्याज वहन करेगी।  वहीँ वन गुज्र्जरों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने जल्द ही एक बैठक अलग से बुलाए जाने के निर्देश दिए। पेंशन संबंधी मामलों पर अगले 15 दिन में पेंशन अदालत लगाई जाएगी।

devbhoomimedia

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