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मुख्यमंत्री द्वारा बेनामी संपत्ति कानून लाने पर की प्रवासी उत्तराखंडियों ने की सराहना

निश्चित रूप से देवभूमि में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा : केशर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बेनामी संपत्ति को जब्त करने के लिए कठोर कानून बनाया जाएगा ताकि प्रदेश में कोई भी भ्रष्टाचारी पनप न सके। बीते दिन एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्दी ही बेनामी संपत्ति पर कानून लाकर सभी बेनामी संपत्तियों को जब्त किया जाएगा। जब्त बेनामी सम्पत्ति का उपयोग स्कूल, अस्पताल निर्माण जैसे जनहित कार्यो में किया जाएगा। 

देहरादून : रोज़गार की तलाश में महानगरों की तरफ पलायन करने वाले प्रवासी उत्तराखंड के लोगों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुक्तकंठ प्रशंसा करते हुए कहा कि इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद जहां सूबे से भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगेगी तो वहीं सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का वादा भी पूरा होगा। 

मुम्बई से ”कौथिग फाउंडेशन के मुख्य कर्ताधर्ता श्री केशर सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्हें ख़ुशी है कि उत्तराखंड सरकार बेनामी संपत्ति को जब्त करने को लेकर एक नया और सख्त क़ानून लेकर आ रही है, यह सरकार की सराहनीय पहल है, प्रवासी उत्तराखंडी इसका हार्दिक स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा इस क़ानून के आने से निश्चित रूप से देवभूमि में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।  

नासिक से प्रवासी उत्तराखंडी श्री भुवन चंद्र पुरोहित का कहना है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की यह सराहनीय पहल है इसकी जितनी प्रशंसा की जाय वह कम है।  उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखंड ने देश को गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियाँ दी हैं और जब भ्रष्टाचार गंगा के उद्गम से समाप्त होगा तो उसका असर पूरे देश में दिखाई ही नहीं देगा बल्कि देश भी भ्रष्टाचार मुक्त होगा।

अहमदाबाद से उद्योगपति विनीत देवराड़ी का कहना है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पहली घोषणा के बाद अब बेनामी संपत्ति पर क़ानून लाने का वादा प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है इससे भ्रष्ट  नेताओं और अधिकारियों सहित कर्मचारियों में खलबली होना स्वाभाविक है, उन्होंने उत्तराखंड सरकार की पहल कास्वागत किया है।

नयी दिल्ली से उदित घिल्डियाल का कहना है कि वर्ष 2011 में भा.जा.पा. की सरकार बेनामी सम्पत्ति कानून को आस्तित्व में ले आयी थी बस इसका सख्ती से पालन हो, साथ ही लगभग 7 सालों से उत्तराखंड लोकायुक्त विहीन है, भ्रष्टाचार मुक्त शासन के लिये शीघ्र नियुक्ति होनी चाहिए, जैसे प्रधानमंत्री जी ने केंद्र में लोकपाल नियुक्ति किये। 

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