चार धाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक: उच्च न्यायालय, उत्तराखंड
देवभूमि मीडिया ब्यूरो ।
25 जून की कैबिनेट में तीरथ सरकार ने तीन जिलों के लिए सीमित चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला लिया था ।लेकिन आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने कोरोना संक्रमण को खतरे और स्वास्थ्य तैयारियों के मद्देनज़र सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है।
चार धाम यात्रा मामले में सुनवाई करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 25 जून के कैबिनेट के आदेश के साथ साथ चार धाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगाई है । हाई कोर्ट ने सरकार को दोबारा से सपथपत्र 7 जुलाई तक दाखिल करने को कहा है। इसी के साथ न्यायालय ने चार धाम की लाइव स्ट्रीमिंग करने के निर्देश भी दिए हैं।
कोर्ट में सरकार की ओर चारधाम यात्रा को लेकर जारी एसओपी को शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया। कोर्ट ने कहा कि इस एसओपी में हरिद्वार जिले में पुलिस की तैनाती का जिक्र किया गया है, जिससे यात्रा को लेकर सरकार की गंभीरता जाहिर हो रही है। कोर्ट ने एसओपी को हरिद्वार महाकुंभ की एसओपी की ही नकल बताते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सरकार की ओर से पुजारियों व पुरोहितों के विरोध संबंधी दलील पर कोर्ट ने कहा कि उसे धार्मिक भावनाओं सहित जन स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान है। कोर्ट ने कहा कि जब धार्मिक ग्रंथ लिखे गए थे, तब ऐसी कोई तकनीक थी ही नहीं जो इसे शास्त्रों में गलत बताया जाता। देश के प्रमुख मंदिरों से लाइव प्रसारण होता है। कोर्ट ने कहा कि चुनिंदा लोगों, पुजारियों व पुरोहितों के हित के मुकाबले में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से लोगों की जिंदगी बचाना ज्यादा जरूरी है। सरकार को भी इस प्रकरण में व्यापक जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए।