भाजपा के लिए संजीवनी साबित हुई चण्डीगढ़ नगर निगम की भारी जीत
नोटबंदी के दंश से सहमी भाजपा को मिली जीत की संजीवनी
चंडीगढ़ के पार्षद पद पर तीनों उत्तराखंडी जीते
चण्डीगढ़ के जनादेश ने विपक्षी दलों के मनोबल को अंदर से डगमगा कर रख दिया
चण्डीगढ़ । चण्डीगढ़ नगर निगम के चुनाव में तीन चैथाई सीट जीत, नोटबंदी के दंश से सहमी भाजपा के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। फरवरी माह में होने वाले उप्र, पंजाब, उत्तराखण्ड, गोवा व मणिपुर प्रदेशों की विधानसभा चुनाव में नोटबंदी से अंदर से सहमी भाजपा को चण्डीगढ़ की जीत एक प्रकार से संजीवनी का काम कर गयी। 26 सीट वाली चण्डीगढ़ नगर निगम में भाजपा व अकाली गढ़बंधन को 21 सीटों पर जीत दर्ज कराकर नोटबंदी से भाजपा की हवा खराब होने की आश लगाने वाली कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की एक प्रकार से हवा ही निकाल दी। कांग्रेस को चण्डीगढ़ में केवल 4 सीट मिली। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी।
चण्डीगढ़ नगर निगम के लिए हाल में हुई चुनावों में भाजपा व कांग्रेस की टिकटों पर चुनावीं दंगल में उतरे तीनों उत्तराखण्डी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इस चुनाव के बारे में जानकारी देते हुए समाजसेवी संजय नौडियाल ने बताया कि भाजपा से श्रीमती हीरा नेगी व श्री शक्ति प्रसाद देवशाली के अलावा कांग्रेस से श्रीमती गुरबक्ष रावत ने अलग अलग सीट से पार्षद की चुनावी जंग में उतरे थे। तीनों प्रत्याशियों की जीत से यह तय है कि चण्डीगढ़ नगर निगम की उप मेयर के पद पर एक उत्तराखण्डी आसीन होगा।
चण्डीगढ़ की जीत पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस नोटबंदी सहित प्रधानमंत्री की कामों पर जनता का पूरा समर्थन बताया। इस जीत से गदगद भाजपा ने कहा कि नोटबंदी की तमाम तकलीफों को झेलने के बाद भी लोग मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के साथ खड़े हैं। हालांकि अभी तक चण्डीगढ़ नगर निगम में भाजपा का ही कब्जा था। पर इन चुनाव में कांग्रेस सहित तमाम लोगों को आशा थी कि नोटबंदी से लोग भाजपा को सबक सिखा सकते है। परन्तु नोटबंदी के बाद हुए चण्डीगढ़ नगर निगम के चुनाव ने कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की आशाओं पर पानी फेर दिया। विपक्षी आशंकित हैं कि अगर ऐसा जनादेश उप्र, पंजाब, उत्तराखण्ड, गोवा व मणिपुर की विधानसभाओं के चुनाव में मिले तो फिर भाजपा सातों आसमान होगी।