CBI की 11 घंटे तक रेलवे की कॉलोनी गढ़ी कैंट बोर्ड और क्लेमेंटटाउन कैंट बोर्ड दफ्तर में जांच पड़ताल जारी रही जाँच कार्रवाई
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सीबीआइ (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) की पांच टीमों ने दून के तीन बड़े संस्थानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में रेलवे की कॉलोनी, गढ़ी कैंट बोर्ड और क्लेमेंटटाउन कैंट बोर्ड दफ्तर में जांच पड़ताल की गई। सीबीआइ टीम ने दोनों कैंट बोर्ड कार्यालय से कई महत्वपूर्ण फाइलें भी अपने कब्जे में लीं हैं। इनमें निर्माण कार्य, अवैध निर्माण से लेकर साजो-सामान की खरीदारी और नियुक्तियों की फाइलें शामिल हैं। सीबीआइ की यह कार्रवाई पूरे 11 घंटे तक चली।
केंद्रीय संस्थानों को भ्रष्टाचार मुक्त रखने को लेकर सीबीआइ पिछले कुछ माह से औचक कार्रवाई कर रही है। इसी के तहत शुक्रवार को भी सीबीआइ ने योजनाबद्ध तरीके से एक साथ दून के तीन संस्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। सुबह सात बजे ही सीबीआइ की टीमें इन संस्थानों में पहुंच गई थी। सबसे पहले तीन टीम लक्खीबाग स्थित रेलवे कॉलोनी पहुंची। यहां शिकायत थी कि रेलवे कर्मियों ने सरकारी आवासों में गोदाम बनाने, किराये पर इंस्टीट्यूट चलाए जा रहे हैं। छापे के दौरान सीबीआइ टीम ने कॉलोनी के एक-एक घर के बारे में ब्योरा जुटाया। साथ ही आवास आवंटन समिति से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल किए। टीम ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ली है।
वहीं, दो टीमों ने गढ़ी कैंट बोर्ड और क्लेमेंटटाउन कैंट बोर्ड दफ्तरों में छापेमारी की। दोनों दफ्तरों में हाल में हुई खरीदारी, निर्माण कार्य, अवैध निर्माण, नियुक्ति प्रकरण और बजट भुगतान से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की गई। जरूरत के मुताबिक कुछ फाइलों को भी टीम ने अपने कब्जे में ले लिया। देर शाम पांचों टीमों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट एसपी सीबीआइ अखिल कौशिक को सौंप दी है। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद भ्रष्टाचार से जुड़े प्रकरणों पर सीबीआइ मुकदमा दर्ज करने या फिर प्रारंभिक जांच पर निर्णय लेगी।
सीबीआइ की दो टीमें डीएसपी अनिल चंदोला और डीएसपी आइएमएस नेगी के नेतृत्व में कैंट बोर्ड गई थीं। जबकि रेलवे कॉलोनी लक्खीबाग में इंस्पेक्टर मनिंद्र सिंह, इंस्पेक्टर शैलेंद्र मयाल, इंस्पेक्टर नवनीत मिश्रा के नेतृत्व में भेजी गई थी। पांचों टीमों में 20 से ज्यादा लोग शामिल थे।
सीलिंग खुलवाने में CBI को लेन-देन की शिकायत
गढ़ी कैंट बोर्ड ने कुछ दिन पहले प्रेमनगर क्षेत्र के केहरी गांव में नियम विरुद्ध बने तीन हॉस्टल सील किए थे। इन हॉस्टलों की सीलिंग खुलवाने को लेकर कुछ लोग सक्रिय हो गए हैं। इसको लेकर मोटे लेन-देन की बात भी सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि यह बात सीबीआइ तक पहुंची थी। बताया जा रहा है कि हॉस्टल संचालक कैंट बोर्ड में एक कार्मिक से निरंतर संपर्क में हैं और उसके माध्यम से बोर्ड के उच्च पदस्थ अधिकारियों को साधने का प्रयास किया जा रहा है। सीबीआइ इस मामले में भी जरूरी जानकारी जुटा रही है। ताकि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इस प्रकरण से जुड़े कुछ अन्य विभागों के कार्मिकों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
लाखों रुपये की खरीदारी पर CBI की नजर
दोनों कैंट बोर्ड में लाखों रुपये की खरीदारी की सूचना भी सीबीआइ को मिली थी। सीबीआइ इन खरीदारी के बिलों का अध्ययन करने में जुटी है। खरीदारी किस मद से की गई और कितना बजट खर्च किया गया, इसकी भी जांच कराई जाएगी। खरीदारी को लेकर शिकायत से मध्य कमान से लेकर रक्षा मंत्रालय तक भी गई है।
सीबीआई की राडार पर रेलवे के अफसर
सीबीआइ ने कॉलोनी के क्वार्टर आवंटित करने वाले अफसरों को भी राडार पर लिया है। टीम ने आवास आवंटन के मानक, यहां रहने वाले कर्मचारी और अधिकारियों की सूची भी मांगी है। ताकि मौके पर रहने वालों से उनका मिलान किया जा सके। दून में अपने घरों में रहने वाले कर्मचारियों के बारे में भी सूचना मांगी गई है।
एसपी सीबीआइ अखिल कौशिक ने बताया कि भ्रष्टाचार को लेकर यह कार्रवाई की गई है। इस दौरान पांच टीमों ने तीनों संस्थानों से महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इनका अध्ययन किया जाएगा। इसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्टाचार में लिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।