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युवा समृद्ध भारत के निर्माण में बनें सहयोगी : उपराष्ट्रपति



देहरादून। यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के 17 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू ने कहा कि शिक्षा हमें संस्कारवान व सामर्थ्यवान बनाती है। उपराष्ट्रपति ने दीक्षांत उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि कड़ी मेहनत व अनुशासन से ही सपने साकार होते हैं। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। हमें अपनी संस्कृति व परम्पराओं पर भी गर्व होना चाहिए। भारतीय संस्कृति का आधार सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया व वसुधैव कुटुम्बकम की भावना रही है। भारतीयों के डीएनए में ही सर्वधर्म समभाव है। हमारी अनेक भाषाएं, बोलियां हो सकती हैं परंतु देश एक ही है।
इस अवसर पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, इससे उन्हें एक चुनौतीपूर्ण दुनिया का सामना करने के लिए अपने को तैयार करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन मूल्य, हमारी अर्जित विद्या के आधार पर ही निर्धारित व प्रभावित होते हैं। इसलिए विद्या का सकारात्मक व सृजनात्मक रूप ही अच्छा माना गया है। शिक्षा का मूल उद्देश्य है कि हम अपने ज्ञान के द्वारा एक कल्याणकारी समाज की स्थापना कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड आज शिक्षा का केन्द्र बन रहा है। देश के तमाम बड़े प्रतिष्ठित संस्थान हमारे राज्य में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि बात चाहे विज्ञान की हो या स्वास्थ्य की, मैनेजमेंट की हो या टेक्नोलॉजी की, प्लास्टिक की बात हो या पेट्रोलियम की। हमारे राज्य में सभी तरह के राष्ट्रीय स्तर के संस्थान मौजूद हैं। मुख्यमंत्री ने पेट्रोलियम विश्वविद्यालय की इसके लिये भी सराहना की कि उनके सुझाव पर उन्होंने दीक्षान्त समारोह हेतु अपने देश की वेषभूषा स्वंय डिजाइन की इसका अनुसरण आई.आई.टी कानपुर सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों द्वारा किया गया है।
यूपीईएस के कुलपति डॉ. दीपेंद्र कुमार झा ने बताया कि यूनिवर्सिटी आफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीस के 17 वें दीक्षांत समारोह में 80 विभिन्न कार्यक्रमों के 3741 छात्र-छात्राओं को उनकी डिग्री से सम्मानित किया गया। कुल 3741 छात्रों को दीक्षांत समारोह में उनके संबंधित डिग्री से सम्मानित किया गया जिसमें 29 पीएचडी, 1215 स्नातकोत्तर डिग्री जिनमें एम.बी.ए, एम.टेक, एम.ए, एल.एल.एम, एम. प्लान और 2497 स्नातक डिग्री के डोमेन में जिनमें एम. डिजाइन, बी.टेक, बी.बी.ए, बी.ए, बी. डिजाइन और कानून के विभिन्न यूजी कार्यक्रम शामिल हैं। स्नातकोत्तर उपाधियों में से उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों को ओपनध्डिस्टेंस लर्निंग मोड के तह 69 डिग्रीयां प्रदान की गई जिसमें 35 एम.बी.ए इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट में और 34 एम.बी.ए-पावर मैनेजमेंट में हैं। इनके साथ ही भारत सरकार के उपक्रम एच.पी.सी.एल के 72 कर्मचारियों को भी एम.बी.ए-ऑयल एंड गैस की डिग्रीयों के साथ सम्मानित किया गया।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.