Uttarakhand

गनर से रौब मारने वाले रईसों,नेताओं,बिल्डरों और छुटभैयों के बुरे दिन

गैर जरूरी व्यक्ति सुरक्षा समीक्षा के बाद नहीं दिया जाएगा गनर

देहरादून। सरकारी गनर से रौब मारने वाले रईसों,नेताओं,बिल्डरों और छुटभैयों के शायद बुरे दिन आ गए है क्योकि राज्य स्तर की सुरक्षा समीक्षा के दौरान किसी भी गैर जरूरी व्यक्ति को सरकारी गनर सशुल्क या नि:शुल्क नही दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश के राज्यपाल डॉ. के. के.पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट व माता सावित्री देवी को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है जबकि छ: महानुभवों से वाई श्रेणी की सुरक्षा वापसी का निर्णय लिया गया है।

उत्तराखंड में सभी विधायकों के अलावा कुल 56 लोगो को ही विभिन्न प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था के तहत जिन महानुभावो को सरकारी वर्दी वाले गनर मुहैय्या कराए गए है उनमें मुख्य न्यायधीश उत्तराखंड, स्वामी रामदेव और रिटायर न्यायधीश धर्मवीर शर्मा के लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा महत्वपूर्ण है जबकि समस्त पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा चमोली में शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती,शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम सरस्वती,शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती, जगतगुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य महाराज, जगतगुरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वरानंद महाराज भोले जी महाराज एवं उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीशों सहित 20 अतिविशिष्ठ व्यक्तियों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गयी है। दा संडे पोस्ट के संपादक अपूर्व जोशी व पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ की वाई सुरक्षा और उद्योगपति अनिल गुप्ता की जेड सुरक्षा समाप्त कर दी गई, पूर्व मंत्री तिलक राज बेहड़ को सिर्फ एक सरकारी गनर दिया गया है, कुल छ महानुभावो की वाई श्रेणी और पूर्व विधायक किरण मंडल की एक्स श्रेणी सुरक्षा समाप्त कर दी गयी है।

जिन महानुभावो की वाई सुरक्षा हटाई गई है उनमें फ्लक्स इंडस्ट्री के चेयरमैन अशोक चतुर्वेदी, महंत रविन्द्रपुरी, उद्योगपति अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता महत्वपूर्ण है।

नौ जनवरी 2017 को जिन 17 लोगो को सरकारी गनर देने की संतुति की गई थी उनमे से एक मुख्यमंत्री और एक वित्त मंत्री का पद संभाल चुके है जबकि पूर्व नौकरशाह सुभाष कुमार, एस एस रावत और हरिद्वार के शेर सिंह राणा के अलावा सभी के गनर समाप्त कर दिए गए है, सुश्री रीता सूरी और श्रीमती सुमन देवी को एक एक गनर उच्च न्यायालय की निर्देश पर दिए गए है, जिन व्यक्तियों को एक एक सरकारी गनर दिया गया है उनकी संख्या अब उत्तराखंड में 23 तक ही सीमित रखी गई है,किसी को सशुल्क गनर देने का फिलहाल कोई आदेश राज्य सरकार ने नही दिया है जबकि जिन लोगो ने अग्रिम भुगतान सरकारी कोष में जमा करा रखा है,उसको वापस किये जाने की पत्रावली शुरू कर दी गयी है।

सरकारी गनर और लाल बत्ती की चमक धमक को खत्म करने पर गंभीर राज्य सरकार

सरकारी गनर से रौब गालिब करने की परंपरा हो या लाल बत्ती की चमक धमक सभी को समाप्त करने को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है,मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार चलाने में ऐसा कोई भी जोखिम उठाने को तैयार नही है जो प्रधानमंत्री मोदी की कसौटी पर खरा न उतरे।लेकिन इतना जरूर है कि कुछ शेखीखोर अब भी सरकारी चमक और खाकी वर्दी की धमक की खातिर नेताओ की परिक्रमा में लगे है।

devbhoomimedia

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