टंडन परिवार के यहां डकैती में खुलासे को पुलिस ने लगाया पूरा जोर

देहरादून। कपड़ा कारोबारी सुमित टंडन के यहां गुरूवार अलसुबह हुई डकैती प्रकरण में पुलिस की दबिशें जारी हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो इस किस्म से घटनाओं को अंजाम देने वाले गिरोह के बारे में अहम सुराग हाथ लगे हैं। जिसके आधार पर गिरोह तक पहुंचने की कोशिशें की जा रही हैं। वहीं एसओजी की चार टीमों ने पश्चिमी यूपी के साथ-साथ दून व आसपास के इलाकों में भी बदमाशों की धरपकड़ के लिए कोशिशें जारी रखी हुई हैं। उल्लेखनीय रहे कि डालनवाला क्षेत्र के साकेत कालोनी निवासी सुमित टंडन इंदिरा बाजार में कपड़े का कारोबार चलाते हैं। गुरूवार सुबह करीब सवा तीन बजे खिडक़ी की ग्रिल काटकर भीतर प्रवेश करने के बाद बदमाशों ने परिवार को बंधक बनाकर लाखों के जेवर व नगदी लूट कर ली थी।
इधर गर्मी चरम पर पहुंचने को आतूर दिख रही, दून में होने वाले आपराधिक घटनाएं भी उफान पर दिख रही हैं। ऐसा नहीं कि पुलिस बदमाशों तक नहीं पहुंच पा रही हो। मगर खुलासे की तुलना में आपराधिक घटनाओं का ग्राफ कहीं ऊचा दिखाई दे रहा है। एडीजी लॉ एंड आर्डर रामसिंह मीणा द्वारा दून में बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं को लेकर कल ही अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए थानेदारों को अपने-अपने क्षेत्र में मुस्तैदी बरतने के सख्त निर्देश दिए जाना इस बात की तस्दीक करता है कि आला अधिकारी मौजूदा समय अपराधों का ग्राफ बढऩे से खासे चिंतित हैं। जिस तरह साकेत कालोनी निवासी सुमित टंडन के मकान की खिडक़ी की ग्रिल उखाडक़र बदमाशों ने घर में प्रवेश कर डकैती की घटना अंजाम दी। कुछ इसी अंदाज में बालावाला निवासी कृषि अधिकारी के घर पर डकैती हुई थी। जिसमें विरोध करने पर बदमाशों ने कृषि अधिकारी के बेटे अंकित थपलियाल की हत्या कर दी थी। बहरहाल उक्त घटना में मुख्य आरोपी अकरम समेत सभी को समय-समय पर पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। टंडन के घर पर हुई डकैती के बाद पुलिस का पहला संदेह इसी गिरोह पर जा रहा है। वहीँअधिकारीगण फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। सभी रटारटाया जवाब दे रहे कि छानबीन चल रही है, जल्द खुलासा कर दिया जाएगा।
उधर दून में घटित होने वाली आपराधिक घटनाओं की अगर बात करें तो पिछले कुछ समय में लूट, डकैती, टप्पेबाजी, हत्या समेत अन्य में बढ़ोत्तरी हुई है। पुलिस एक मामले का खुलासा करती है तो एकाएक कहीं ओर और एक आपराधिक घटना घटित होने का पता चलता है। यह सब तब भी घटित हो रहा, जबकि दून को अस्थाई राजधानी का तमगा मिला हुआ है। मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों के कार्यालय और रिहायशी कालोनियां, विश्व प्रसिद्घ संस्थान आदि होने के चलते पुलिस हमेशा ही दून की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने का दावा करती आ रही है। मगर लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं ने पुलिस की सुरक्षा को उठाए जा रहे कदम की पोल खोलकर रख दी है। चौबीसों घंटे गश्त का दावा करने के बाद भी पॉश कालोनी में डकैत सरेआम लाखों का माल लूटकर फरार हो जाते हैं, और पुलिस फिल्मी अंदाज में पूछताछ, संदिग्धों की धरपकड़ आदि का ढोल पीटना शुरू कर देती है। हैरानी की बात कि एक ओर पुलिस ने सडक़ यातायात सुरक्षा के मद्देनजर सीपीयू, यातायात व थाना-चौकी पुलिस की फौज वाहनों, संदिग्धों की चेकिंग में उतारी हुई है। लाखों रूपए जुर्माना के रूप में वसूला जा रहा। मगर कौन बदमाश किस रास्ते से दून में आ रहा, और अपराध अंजाम देकर भाग रहा, पुलिस को भनक भी नहीं लग रहा।