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यरुशलम विवाद पर ट्रंप के धमकी के बाद भारत समेत 128 देशों ने अमेरिका के खिलाफ दिया वोट

संयुक्त राष्ट्र, (एजेंसी) : अमेरिका द्वारा यरुशलम को इजरायल की राजधानी घोषित किए जाने के खिलाफ और अमेरिका द्वारा धमकी दिए जाने के बावजूद संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर भारत समेत 128 देशों ने अपनी सहमति जताई है । गुरुवार को प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में सिर्फ नौ देशों ने ही अमेरिका के साथ सहमति जताई। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पास कर अमेरिका से यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले को वापस लेने को कहा है।इस प्रस्ताव का भारत समते 128 देशों ने समर्थन किया, जबकि सिर्फ नौ देशों ने ही प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया। इस दौरान 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया।

गौरतलब हो कि इससे पहले अमेरिका ने धमकी दी थी कि जो भी देश प्रस्ताव के पक्ष में वोट देंगे, उन्हें अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की जाएगी। बावजूद इसके इन धमकियों का कोई खास असर नहीं पड़ा।प्रस्ताव के विरोध और अमेरिका के समर्थन में वोट करने वाले देशों में ग्वाटेमाला, होंडुरास, इजरायल, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, पलाउ, टोगो और अमेरिका शामिल रहे। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की है। हेली ने कहा कि अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जब एक संप्रभु देश के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस पर हमला हुआ।

वोट के बाद येरुशलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देकर अलग-थलग पड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले का विरोध करने वाले देशों को धमकी दी है। उन्होंने कहा,अमेरिकी मान्यता को खारिज करने के लिए महासभा में लाए जा रहे प्रस्ताव का समर्थन करने वालों देशों की वह आर्थिक मदद रोक देंगे। ट्रंप ने बुधवार को कहा, ये हमसे अरबों डॉलर की मदद लेते हैं और फिर हमारे खिलाफ मतदान करते हैं। हम देख रहे हैं। इन्हें हमारे खिलाफ वोटिंग करने दो। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता। ट्रंप का यह बयान संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेले के ट्वीट के बाद आया है।

इससे पहले हेले ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप संयुक्त राष्ट्र में येरुशलम मुद्दे पर होने वाली हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उन्होंने मुझे निर्देश दिया है कि मैं उन देशों की जानकारी दूं, जो येरुशलम को इजरायली राजधानी के रूप में अमेरिका द्वारा दी गई मान्यता के खिलाफ मतदान करेंगे। हेली ने बकायदा महासभा के सभी सदस्यों को पत्र लिखकर किसी भी फैसले के दूरगामी परिणाम होने की चेतावनी दी है। साथ ही हेली ने कहा, अमेरिका संप्रभु राष्ट्र है और हम यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई बताए कि हमें अपना दूतावास कहां स्थापित करना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ मत देने वालों देशों का हम नाम लेंगे।

वहीँ इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने अमेरिका द्वारा येरुशलम को उसकी राजधानी के रूप में मान्यता देने के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में होने वाले मतदान से पहले ही उसे खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, इजरायल इस वोट को उसके पारित होने से पहले ही खारिज करता है। नेतान्याहू ने कहा, संयुक्त राष्ट्र के बाहर विश्व के सभी महाद्वीपों में कई देशों का इजरायल के प्रति रुख बदल रहा है और यह अंतत: संयुक्त राष्ट्र में पहुंचेगा।

devbhoomimedia

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