ELECTION
नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद होगा डैमेज कंट्रोल
- कार्रवाई के लिए भी तैयार रहें कार्यकर्ता
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए टिकट का बंटवारा क्या हुआ कि प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस में कार्यकर्ताओं से लेकर पार्टी के तमाम पदाधिकारियों के इस्तीफों की झड़ी लगना शुरु हो गयी। कहीं वरिष्ठ नेताओं के घेराव हो रहे हैं तो कहीं कार्यकर्ताओं में मारपीट वजह साफ़ है दोनों ही पार्टियों में टिकट को लेकर चल रहा भाई भतीजावाद। जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जानी चाहिए थी, यही झगड़े का मूल कारण है।
निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोहरी चुनौतियों से जूझ रही है। एक तरफ विरोधियों को हराने के लिए पार्टी प्रत्याशियों को दम भरना है तो दूसरी तरफ अपनों की नाराजगी को भी सहना है पड़ रहा है। दरअसल भाजपा और कांग्रेस के लिए पिछले 24 घंटे बेहद भारी गुजरे हैं इस दौरान पार्टियों के कई सिपाहसालारों ने अपने दल को बाय-बाय कर दिया। भाजपा में गढ़वाल मंडल में 11 निकायों में कई इस्तीफे किये जा चुके हैं वहीं कुमाऊं मंडल में आधा दर्जन कार्यकर्ताओं ने बगावत कर दी है। हालाकिं पार्टी नेता इसे टिकट के बाद की त्वरित प्रतिक्रिया मैन कर सब ठीक होने की बात कह रहे हैं।
निकाय चुनाव में जहां भाजपा भीतरघात के खौफ में हैं वहीं कांग्रेस भी इससे अछूती नहीं है। कांग्रेस में तो नौबत हाथापाई और मारपीट तक पहुंच गई है। आरोप है कि कांग्रेस में विधायकों और पूर्व विधायकों के भाई भतीजावाद और चहेतों को टिकट देने से कार्यकर्ता नाराज हैं। और इसलिए बात इस्तीफे और मारपीट तक जा पहुंची है। कांग्रेस नेताओं की माने तो डेमेज कंट्रोल किया जा रहा है और पार्टी में सभी साथ मिलकर ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं।