POLITICS

आखिर कौन सी ऐसी खिचड़ी पक रही , जो भाजपा नेताओं ने सूबे की जनता को किया गुमराह

प्रदेश की जनता के साथ बार-बार यह छलावा आखिर कब तक ?

आखिर ’’त्रिवेन्द्र सरकार के 4 साल कार्यक्रम की तैयारी’’ क्यों बताना पड़ा ?

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
वोट देती है जनता, सरकार बनाते हैं विधायक, मुखिया चुनता है हाईकमान पर अपने विधायकों की मर्जी से….. विधायक 250 किमी. दूर गैरसैण में राज्य का बजट पास कर रहे थे और भाजपा के कुछ मठाधीश देहरादून में कोर कमेटी की बैठक के बहाने चंद पत्रकारों से ब्रेकिंग न्यूज चलवाकर सरकार बदल रहें थे। 
उत्तराखंड के इतिहास की अभी तक की सबसे मजबूत टीएसआर सरकार के कदम एक कोर कमेटी की बैठक से क्या लड़खड़ा रहे हैं … बैठक की टाईमिंग और गैरसैंण सत्र में आनन-फानन में बजट पास करने की घटना से कुछ घंटों तक इसी तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। देर शाम होते-होते 40 से अधिक विधायकों की सीएम त्रिवेन्द्र रावत के घर पर बैठक की फोटो और विडियो ने बवाल की गर्माहट को ठंडा जरूर कर दिया। …
लेकिन सियासी गलियारों में ये चर्चा जरूर जिन्दा है कि आखिर 250 किमी दूर पहाड़ में जब सरकार भारी बहुमत से सदन में बजट पास कर रही थी तो उसी वक्त देहरादून में कोर कमेटी की बैठक की मजबूरी क्या थी। जब सरकार बनाने वाले विधायक गैरसैंण में थे तभी कुछ सांसदो को देहरादून कोेर कमेटी की बैठक में बुलाकर बाहर मीडिया को किसने सरकार बदलने की बैठक होने की खबर चलवाने के लिए मैनेज किया ?
आखिर क्यों बाहर आकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वंशीघर भगत और सरकार के प्रवक्ता मंत्री मंदन कौशिक को बैठक का कारण- ’’त्रिवेन्द्र सरकार के 4 साल कार्यक्रम की तैयारी’’ क्यों बताना पड़ा। मतलब साफ है, कि भाजपा के कुछ मठाधीश और उत्तराखंड में मौज करने वाला गैर उत्तराखंडी मीडिया कुछ धन्नासेठो के साथ मिलकर सरकार को ब्लैकमेल करने की जुगत में है।
क्या चुनावी साल में बदलाव की ऐसी चर्चा भाजपा और देवभूमि के लिए उचित है। जो फोटो सीएम की बैठक से बाहर आयी हैं उनमें नये विधायकों के साथ ही अनुभवी विधायकों की मौजूदगी काफी कुछ समझा रही है, 40 से अधिक विधायक सीएम के साथ, मत्रीगण अपने दफतरों में… फिर सरकार कौन बदलवा रहा था
सूत्रों ने बताया कि सीएम के घर बैठक में वरिष्ठ विधायकों ने इस धटना पर चिंता जाहिर कर कहा कि जब चुनावी तैयारी का समय हो तब एैसी चर्चा नुकसान करती हैं, राज्य के इतिहास में अंतिम समय का नेतृत्व परिवर्तन भाजपा के लिए हमेशा धातक साबित हुआ है। भारी बहुमत की त्रिवेन्द्र सरकार में एक तरफ विपक्ष अपने लिए जमीन नहीं तलाश पा रहा है तो दूसरी तरफ भाजपा के चंद नेता विपक्ष को बैठे-बिठाये अवसर दे रहें हैं।
दून में जो कुछ कल हुआ उसकी रिपोर्ट दिल्ली दरबार को केन्द्रीय नेता तो देंगे ही, खुद सीएम रावत सोमवार को आलाकमान से मिलकर अपनी बात रखेंगे । बीजेपी में क्या होगा ये बीजेपी ही जानें, पर इतना भारी बहुमत देने वाली राज्य की जनता को ये अस्थिरता अपने वोट के साथ छलावा ही लग रही है।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »