Uttarakhand

उत्तराखण्ड के वरिष्ठ चिंतक, कुशल प्रशासक व उत्तराखण्ड पूर्व मुख्य सचिव आर एस टोलिया का निधन

पूर्व मुख्य सचिव आरएस टोलिया को बेटी प्रीति ने दी मुखाग्नि

hariदेहरादून । उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया का आज तड़के निधन हो गया। 71 साल के टोलिया राज्य के तीसरे मुख्य सचिव होने के साथ ही राज्य के पहले मुख्य सूचना आयुक्त भी रहे हैं। पिछले कई दिन से बीमार टोलिया का दून के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था। वो तीन दिन से कौमा की स्थिति में चले गए थे,जहां आज तड़के सवा पांच बजे अंतिम सांस ली। उनकी बड़ी बेटी प्रीति ने हरिद्वार खड़खड़ी घाट पर उनको मुखाग्नि दी। डॉ. टोलिया ने उत्तराखंड पर 11 पुस्तकें भी लिखी हैं।

 उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में पावन गंगा के तट पर किया गया। उनके निधन की सूचना से उत्तराखण्ड राज्य गठन आंदोलनकारी व राज्य के हितों के लिए सदैव संघर्षशील रहने वाले समाजसेवी शोकाकुल है। सेवा निवृति के बाद जिस प्रकार से टोलिया जी राज्य के बेहतरी के लिए समर्पित रहते थे उससे आंदोलनकारियों को उत्तराखण्ड सरोकारों के लिए समर्पित पूर्व प्रशासनिक सेवा के वरिश्ठ अधिकारी बहादुर राम टम्टा व धर्मसिंह रावत की यादें ताजा होती थी।

15 नवम्बर 1947 में देहरादून में जन्मे रघुनंदन टोलिया जी भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे। वे उत्तराखण्ड राज्य के 01 सितम्बर 2003 से 03 अक्टूबर 2005 तक उत्तराखण्ड सरकार के मुख्य सचिव के पद पर आसीन रहे। 2005 में सेवा निवृत के बाद वे उत्तराखण्ड के पहले  मुख्य सूचना आयुक्त भी रहे। सूचना आयुक्त से मुक्त होने के बाद श्री टोलिया ने जनसंख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन पर उत्तराखण्ड आंदोलनकारियों का मार्ग दर्शन किया। वह सराहनीय है।

उत्तराखण्ड राज्य की बेहतरी के लिए में उनके योगदान को नमन करते हुए उत्तराखण्ड राज्य गठन में सबसे लम्बा संघर्श संसद की चैखट पर जनांदोलन में करने वाले उत्तराखण्ड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवसिंह रावत ने कहा कि दिवंगत टोलिया जी, राज्य गठन जनांदोलन में समर्पित रहने वाले पूर्व सैनिक संगठन के संयोजक रहे ले.जनरल जगमोहन रावत व मेजर जनरल शैलेन्द्र राज बहुगुणा की तरह राज्य की बेहतरी के लिए समर्पित रहे। वे राज्य गठन की जनांकांक्षाओं को भाजपा व कांग्रेस की सरकारों द्वारा रौंदे जाने से बेहद व्यथित थे। वे इससे मुक्ति के लिए सदैव राजनैतिक विकल्प बनाने के लिए प्रयत्नशील रहते थे। मुख्य सचिव रहे दिवंगत टोलिया जी उत्तराखण्ड के सरोकारों के लिए सदैव चिंतित रहने वाले अग्रणी चिंतक थे। वे उत्तराखण्ड विकास पार्टी के स्थापना करने के बाद राज्य को भ्रष्टाचार से निर्मूल करके राज्य गठन की जनांकांक्षाओं को साकार करने लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। उनके निधन पर उत्तराखण्ड ने अपना एक सच्चा हितैषी व चिंतक खो दिया। देवभूमि मीडिया परिवार इस दुःखद घडी में उनके परिवार को असीम दुःख सहने की शक्ति की प्रार्थना के साथ ही परमात्मा से उनकी आत्मा की शाति  की प्रार्थना करता है ।

इस दौरान सचिव कार्मिक आनंदवर्धन, पूर्व सचिव इंदु कुमार पांडे, पूर्व मुख्य सचिव एसएस नपच्याल, आईजी गढ़वाल संजय गुंज्याल, आईजी गणेश मार्तोलिया, पूर्व सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल, शहरी सचिव बीएस गब्र्याल, जिलाधिकारी हरबंस ङ्क्षसह चुघ, एडीएम अभिषेक त्रिपाठी, एडीएम वीर ङ्क्षसह, पूर्व ओएसडी पुरुषोत्तम शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, सेवा समिति अध्यक्ष क्षेमानंद जोशी सहित अन्यों ने खड़खड़ी श्मशान घाट पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ ही परिजनों को सांत्वना दी।

उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 कृष्णकांत पाल ने उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव तथा प्रदेश के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त डा0 रघुनन्दन टोलिया के निधन पर गहरा शोक एवं संवेदना व्यक्त की है। राज्यपाल ने उन्हें एक विद्वान व कुशल प्रशासनिक अधिकारी, पहाड़ का बुद्धिजीवी हित चिन्तक तथा वास्तिवक लोक सेवक बताते हुए कहा कि उनका निधन पर्वतीय क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। राज्यपाल ने डा0 टोलिया की आत्मा की शांति व उनके परिजनों को इस गहन दुःख को सहन करने की शक्ति व धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। डा0 टोलिया राजभवन में आयोजित टाॅपर्स कानक्लेव जैसी सभी प्रमुख गतिविधियों व कार्यक्रमों में विशेष रूप से आमंत्रित किये जाते रहे।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व मुख्य सचिव डाॅ.आर.एस.टोलिया के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्व.टोलिया एक विनम्र, मिलनसार व कुशल प्रशासक थे। वे हिमालयी सरोकारों के प्रति सदैव तत्पर रहते थे।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »