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डिजीटल ऑनलाइन और ऑफ़लाइन लोगों के बीच बढ़ती दूरी विषमता का एक नया चेहरा
टेक्नोलॉजी के हानिकारक पक्षों का समाधान सुनिश्चित करते हुए उसकी ख़ूबियों को सँवारना होगाः यूएन महासचिव
जागरूकता की कमी और इंटरनेट कनेक्टिविटी की ऊँची क़ीमतों के कारण शिक्षा के अवसर खो सकते हैं- यूएन अध्यक्ष
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल टेक्नोलॉजी के लाभ से वन्चित लोगों को स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी अहम जानकारी का ना मिल पाना उनके लिए जीवन-मरण का सवाल बन गया है। टेक्नॉलॉजी क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों से स्थाई विकास एजेंडा पर पड़ने वाले असर पर चर्चा के दौरान डिजिटल सहयोग पर एक नया रोडमैप पेश किया गया।
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि डिजिटल सहयोग की ज़रूरत और तात्कालिकता से ध्यान हटाने के बजाय मौजूदा कोविड-19 संकट इसकी अहमियत को दिखा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र समाचार के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को वर्चुअल उच्चस्तरीय चर्चा में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों से टिकाऊ विकास के लक्ष्यों पर पड़ने वाले प्रभावों पर विचार-विमर्श हुआ।
यूएन महासचिव ने कहा कि महामारी से निपटने की जवाबी कार्रवाई के केन्द्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी उभरी है – वैक्सीन पर शोध, ऑनलाइन माध्यमों पर पढ़ाई-लिखाई, ई-कॉमर्स, घर बैठकर दफ़्तर का काम करना, यानि जीवन के लगभग हर पहलू में इसका योगदान दिखाई देता है।
उन्होंने चिन्ता जताई कि ऑनलाइन सम्पन्न लोगों और ऑफ़लाइन यानि डिजिटल सुविधाओं से वंचित लोगों के बीच बढ़ती दूरी विषमता का एक नया चेहरा बन कर उभर रही है।
We cannot reap the full benefits of the digital age without the global cooperation needed to reduce its potential harms.
The Roadmap for Digital Cooperation has concrete actions to connect, respect and protect people in the digital age.https://t.co/ms1qoZmYvv pic.twitter.com/84iaeqXQpJ
— António Guterres (@antonioguterres) June 11, 2020