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ध्रुपद में प्रवाहित हुए सुर, लय और ताल का रसधार

- दुनिया के सबसे महान ध्रुपद गायक के रूप में पहचान
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । वर्ल्ड इंटीग्रिटी सेंटर इंडिया में आज 12वें पंडित विदुर मल्लिक संगीत समरोह का समापन हुआ। कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत पंडित डॉ राज खुशीराम द्वारा पखावज सोलो प्रदर्शन के साथ हुई। उनके साथ सारंगी पर पंडित विनोद मिश्रा उपस्थित रहे। इसके बाद डॉ राधिका उमड़ेकर द्वारा विचित्र वीणा प्रदर्शन किया गया। उनके साथ पखावज पर मृणाल मोहन उपाध्याय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन प्रसिद्ध ध्रुपद उस्ताद पंडित प्रेम सिंह मल्लिक द्वारा ध्रुपद गायन के प्रदर्शन के साथ हुआ। उनके साथ पखावज पर आशुतोष उपाध्याय मौजूद रहे। दरभंगा घराने के शानदार संगीत परिवार से संबंधित, पंडित प्रेम कुमार मल्लिक ध्रुपद गायन में एक शीर्ष दर्जे के कलाकार हैं। उन्हें ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन द्वारा सर्वोच्च रैंकिंग दी गई है। उन्होंने भारत और विदेशों में प्रमुख संगीत समारोहों में प्रदर्शन भी किया है। उन्हें व्यापक रूप से दुनिया के सबसे महान ध्रुपद गायक के रूप में पहचाना जाता है।
इस अवसर पर पंडित प्रेम कुमार मल्लिक ने कहा कि हम सब ने दिल खोल के गाया और अपनी कला का मंचन किया। हमें अपने श्रोताओं के सामने प्रस्तुति देने में उतना ही आनंद आता है जितना उन्हें हमे प्रति वर्ष सुनने में आता है। हमारे लिए यह ध्यान लगाने जैसा है। ध्रुपद कला पिछले कुछ सालों में लुप्त सी होती दिखी हैं पर हम लोग इसे जिंदा रखने और अधिक से अधिक संगीत प्रेमियों के बीच जिंदा रखने के लिए तत्पर हैं।
ऋषि सिंह, एक गृहिणी, जो दर्शकों में मौजूद थी, ने कहा, “ मुझे आज यह कार्यक्रम देखकर शान्ति और उल्लास का आभास हुआ। मैंने इससे पहले कभी धु्रपद नहीं सुना था और मै शुक्र गुजार हूँ वर्ल्ड इंटीग्रिटी सेण्टर इंडिया के जिन्होने यह कार्यक्रम आयोजित किया और हमे यह अवसर दिया।