CRIME
हाईप्रोफाइल भ्रष्टाचारी की चार्जशीट विजिलेंस ने की कोर्ट में दाखिल
- मृत्युंजय मिश्रा पर विजिलेंस का ‘डबल अटैक’
नवीन चौहान
देहरादून : उत्तराखंड के एक हाईप्रोफाइल भ्रष्टाचारी के खिलाफ विजिलेंस ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में चार्जशीट विजिलेंस कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। आरोपी मृत्युंजय मिश्रा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में पूर्व कुलसचिव के पद पर तैनात था। इस पद पर रहने के दौरान आरोपी मृत्युंजय मिश्रा ने अपने रसूक का दुरप्रयोग कर तमाम अनियमिताओं को अंजाम दिया। विश्वविद्यालय के मानको को धता बताते हुए मृत्युंजय मिश्र ने एक के बाद घोटालों किए। लेकिन जीरो टालरेंस की मुहिम को लेकर आगे बढ़ रही त्रिवेंद्र सरकार ने एक बड़े भ्रष्टाचारी की रफ्तार पर ब्रेक लगाए और जेल भेजने का रास्ता साफ किया फिलहाल आरोपी मृत्युंजय मिश्रा जेल में है। और विजिलेंस ने विवेचना पूरी करने के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्र पर आय से अधिक संपत्ति बनाने और वित्तीय अनियमितताओं के संगीन आरोप थे। इन तमाम आरोपों की जांच शुरू हुई तो मृत्युंजय मिश्र की कुंडली को खंगाला गया। आरोपी मृत्युंजय मिश्र ने अपने पद पर रखकर तमाम भ्रष्टाचारों को परवान चढ़ाया। शिकायत की पुष्टि होने के बाद मृत्युंजय मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
विजिलेंस की टीम ने 5 दिसंबर 2०18 को आरोपी मृत्युंजय मिश्र को गिरफ्तार कर विजिलेंस कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी मृत्युंजय मिश्र को कोर्ट में पेश करने के दौरान पुलिस प्रशासन ने तमाम सुरक्षा बल तैनात किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वही इस मुकदमे की विवेचना कर रही विजिलेंस ने आरोपी मृत्युंजय मिश्र के तमाम बैंक रिकार्ड और संपत्तियों की जांच कर साक्ष्य जुटाए। विजिलेंस की टीम ने आरोपी मृत्युंजय मिश्र के रिश्तेदारों से कनेक्शन और संपत्ति हस्तांतरण के भी तमाम साक्ष्यों का अवलोकन किया।
आखिकार इस हाईप्रोफाइल मुकदमे में विजिलेंस ने आरोपी मृत्युंजय मिश्र के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर विजिलेंस कोर्ट में दाखिल कर दी है। इसी के साथ आरोपी मृत्युंजय मिश्र की मुसीबत भी बढ़ गई है। आरोपी मृत्युंजय मिश्र ने अपनी पोस्टिंग के दौरान कई तरह की वित्तीय अनियमितताओं की। बिना टेंडर के सामान की खरीद फरोख्त की गई। रेलवे और हवाई यात्राओं के भी फर्जी बिल लगाकर वित्तीय घोटालों को अंजाम दिया। इसके अलावा अपने रिश्तेदारों को नौकरी पर रखवाया गया। विजिलेंस सूत्रों से जानकारी मिली है कि आरोपी मृत्युंजय मिश्र ने कई अन्य तरह से भी वित्तीय अनियमितताओं की है।
रसूकदार आरोपी की दबंगई: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर कार्यरत रहने के दौरान मृत्युंजय मिश्रा की दबंगई पूरी तरह से चलती थी। आरोपी मृत्युंजय मिश्र विश्वविद्यालय में अपनी पूरी मनमानी करता था। नौकरी लगवाने से लेकर तमाम कार्यो को करवाने के दौरान मानको की अनदेखी करता था। लेकिन वक्ट ने करवट ली और मृत्युंजय मिश्र आज सलाखों के पीछे है।