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‘केदारनाथ’ फिल्म का विवाद पहुंचा उत्तराखंड हाईकोर्ट तक

  • उत्तराखण्ड की संस्कृति और परंपराओं को फिल्म में रखा गया है ताक पर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नैनीताल : शुक्रवार यानि सात दिसम्बर को बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने वाली फिल्म ”केदारनाथ”  विवादों में  गिर गयी है।  सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की इस फिल्म का मामला अब उत्तराखंड हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। याचिकाकर्ताओं ने उत्तराखण्ड की संस्कृति और परंपराओं को ताक पर रख बनाई गयी इस फिल्म पर उठ रहे विवाद के बीच उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है।

याचिकाकर्ता स्वामी दर्शन भारती ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर प्रार्थना की है कि फिल्म केदारनाथ में पहाड़ समेत हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ भद्दा मजाक किया गया है। वहीं याचिकाकर्ताओं ने याचिका में आरोप लगाया गया है कि भगवान केदारनाथ का अपमान करते हुए यह फिल्म विदेशी रुपयों के दम पर बनाई गयी है।

याचिकाकर्ता स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि जो दृश्य फिल्म में दिखाये गए हैं और फिल्म में बताया गया है कि केदारनाथ में सैकड़ों वर्षों से मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं जबकि वहां एक भी मुस्लिम या इस्लामिक परिवार नहीं रहता है। फिल्म निर्माता ने केदारनाथ की आपदा को लव जिहाद से जोड़कर आस्था और विश्वास पर कुठाराघात किया है। 

फिल्म के कथानक के अनुसार लड़का मुस्लिम और लड़की हिन्दू है और इनकी शादी को लेकर लड़की वाला परिवार कहता है कि अगर प्रलय भी आ जाएगा तो शादी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फिल्म के प्रोमो/ट्रेलर में दिखाया गया है कि हीरो कहता है कि हमारे पूर्वज सदियों से केदारनाथ में रहते आ रहे हैं जबकी ऐसा है ही नहीं ।

 याची ने बताया कि सेंसर बोर्ड को भी ज्ञापन भेज आपत्ति दर्ज कर दी है। केदारनाथ देश के लिए मोक्ष धाम के रूप में प्रचलित है और जगत गुरु शंकराचार्य ने भी चार धाम की स्थापना के बाद यहीं शरीर त्यागा था।
इससे आहत होकर याचिकाकर्ता ने कहा कि हमने लोकतंत्र के मंदिर में केदारनाथ की आस्था को बचाने की मांग की है। उन्होंने ये भी बताया कि केदारनाथ और बद्रीनाथ मन्दिर समिति ने भी याचिका में साथ देते हुए कहा है कि फिल्म निर्माण में उनसे कोई अनुमति नहीं ली गई है। याचिका दायर होने के बाद अब इसपर जल्द होगी सुनवाई।

devbhoomimedia

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