खेल मंत्री के विवादित बोल, उत्तराखंड में महिला क्रिकेटर्स का हो रहा है यौन शोषण!
देहरादून : पिछले 17 वर्षों से उत्तराखंड में क्रिकेट के खेल को BCCI की मान्यता का मिलना अब मुद्दा बन गया है। क्रिकेट जैसे खेल को राज्य में मान्यता न मिलने देने के पीछे सूबे में कई लोगों द्वारा कई क्रिकेट संघ बनाकर इन्हे अपना जेबी संगठन बनाना ही सामने आया है। यही कारण है कि जब भी कभी BCCI इस खेल से राज्य को जोड़ना चाहता है तो ये संगठन अपनी ढपली अपना राग बजाना शुरू कर देते हैं, इनके आपसी झगड़े के चलते कई बार BCCI को अपने कदम पीछे खींचने को मजबूर होना पड़ता है और राज्य के खिलाडियों को इस खेल की मुख्य धारा से जुड़ने से वंचित रहना पड़ता है।
इस बार सूबे के खेल मंत्री भले ही सूबे के खिलाड़ियों को देश की मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हों लेकिन कई बार अपने विवादित बोल के कारण अपनी ही किरकिरी करा चुके राज्य के खेल मंत्री ने इस बार भी कुछ इसी तरह का बयान दे डाला और खुद ही विवाद में फंस गए। उनके इस बयान का चाहे जो भी मतलब रहा ही लेकिन उनके इस बयान से उनकी तो फजीहत हो ही रही है लेकिन उन्होंने सूबे की सरकार को भी इस तरह का बयान देकर परेशानी में डाल दिया है।
सूबे के खेल मंत्री ने जिस तरह का बयान दिया है और जिस तरह से उन्होंने खुलकर सूबे की महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण या बलात्कार की बात को कहा है और साथ ही अपने पास पुख्ता सबूत की बात भी कही है उससे मामला और भी गरमा गया है कि आखिर जब उनके पास सब कुछ है तो फिर ऐसी क्या वजह है कि वे तमाम क्रिकेट संघ पर कार्यवाही करने से क्यों बच रहे हैं या उन्होंने अब तक इनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की।
अपने इस बयान में सूबे के खेल मंत्री अरविन्द पांडेय ने क्रिकेट संघों को चेतावनी दी है कि वो सुधर जाएं। साथ ही ये भी कहा है कि उनके पास सभी संघों के खिलाफ पूरे पुख्ता सबूत हैं।खेल मंत्री ये भी कहा कि क्रिकेट संघों से जुड़े कुछ लोग हैं जो खेल के नाम पर महिला क्रिकेट खिलाड़ियों का जीवन बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ धारा 376 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
खेल मंत्री के बयान पर यदि विश्वास किया जाय और अगर वास्तव में सूबे की महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है हो खेल मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी तुरंत एक्शन लेना चाहिए. क्योंकि खेल जगत के लिए ये घटना किसी काले अध्याय से कम नहीं कहा जा सकता। वह भी तब जब जिस देश के प्रधानमंत्री बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं, तो उस देश के एक प्रदेश में ऐसी घटना खेल जगत के साथ ही मानवता तक को शर्मसार करने वाली है।
खेल मंत्री के वायरल हुए इस वीडियो में उन्होंने साफ़ कहा है कि चाहे मुझे किसी भी हद तक जाना पड़े, मैं जाऊंगा। मैं उत्तरखंड के भविष्य से किसी को भी खिलवाड़ करने नहीं दूंगा। साथ ही किसी की गुंडागर्दी चलने नहीं दूंगा। अरविन्द पांडेय ने इस वीडियो में ये भी साफ़ किया कि बेहद अफ़सोस की बात है की कुछ गिरे हुए नीची कैटेगरी के लोगों की वजह से आज उत्तराखंड के होनहार खिलाड़ी उत्तराखंड से न खेलकर किसी अन्य राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। देश भले ही मेरा हो, लेकिन राज्य का नाम भी रोशन होना चाहिए। इसलिए ये साफ़ कर देता हूं कि अगर मेरे उत्तराखंड के क्रिकेट भविष्य को मैं नहीं निखार पाया तो मुझे खेल मंत्री रहने का भी कोई अधिकार नहीं है। मैं बिना देर किए अपने खेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा।
अब आप भी सुनिए खेल मंत्री ने क्या कहा देखिये वीडियो …………..