घर पहुँचने पर नेगी दा ने अपने चाहने वालों का दिल से किया धन्यवाद
अब मैं ठीक हूं, घर पहुंचकर और राहत महसूस कर रहा हूं
देहरादून: लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि मैं ठीक हूं। घर पहुंचकर और राहत महसूस कर रहा हूं। यह ईश्वर के आशीर्वाद, प्रशंसकों की दुआ व चिकित्सकों के अथक प्रयास का परिणाम है कि मैं परिवार और चाहने वालों के बीच हूं। मैं तहे दिल से सभी का शुक्रिया अदा करता हूं।
डॉक्टरों की मेहनत, लाखों प्रशंसकों की दुआ और नेगी जी के हौसले । इन तीनों ने अपना असर दिखाया और 10 दिन के इलाज के बाद लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी जिंदगी की जंग जीतकर मैक्स अस्पताल से घर लौट आए। आज यूट्यूब के जरिये नेगीदा ने अपने चाहने वालों का धन्यवाद दिया। अभी मुझे लंबी बीमारी से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा कि इस अटैक में त्रिवेंद्र सरकार ने बहुत सहयोग दिया। साथ ही उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके प्राणों की रक्षा की। नेगीदा ने कहा इस अटैक से सबक लेना चाहिए। सभी को समय समय पर अपना चेकअप कराना चाहिए।
बीती 29 जून को हार्ट अटैक के बाद लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को सीएमआइ में भर्ती कराया गया था। हालत नाजुक होने के कारण उन्हें मैक्स अस्पताल रेफर कर दिया गया। शनिवार सुबह डॉक्टरों ने उनकी रूटीन जांच की और दोपहर में डिस्चार्ज कर दिया। डॉक्टरों ने उन्हें एक हफ्ते बाद फिर से जांच के लिए अस्पताल बुलाया है। बताया गया कि सुबह रूटीन जांच के बाद ही डॉक्टरों ने उन्हें डिस्चार्ज करने का निर्णय ले लिया था। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने उनकी पत्नी उषा और बेटे कविलास को इसकी सूचना दोपहर में ही।
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद बेटा कविलास और पत्नी ऊषा दोपहर करीब तीन बजे लोक गायक नेगी को घर वापस लाए। कविलास ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने पिताजी की सेहत पर ध्यान देने को कहा है। इलाज के बिल आदि के बारे में अभी तक उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है।
नरेंद्र सिंह नेगी के घर पहुंचने के कुछ वक्त बाद ही वहां आसपास के लोगों और रिश्तेदारों का तांता लग गया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के करीब एक घंटे बाद नरेंद्र सिंह नेगी के फेसबुक पेज पर उनके घर पहुंचने की पोस्ट डाल दी गई थी। जिसके बाद शुभचिंतक व रिश्तेदार उनके घर पहुंचने लगे।
अस्पताल प्रशासन इलाज के दौरान नेगी के बारे में हर अपडेट देता रहा, लेकिन डिस्चार्ज की सूचना अस्पताल प्रशासन ने किसी को नहीं दी। क्योंकि, अस्पताल प्रशासन को इस बात की आशंका थी कि सूचना मिलने पर उनके प्रशंसक अस्पताल पहुंच सकते हैं। जिससे स्थिति बिगड़ सकती है।