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“” भराडी ” का क्या होगा ??

“” आछरी (वन देवी . या परी ) 
“” भराडी ” का क्या होगा ?? 
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क्रान्ति भट्ट 

उत्तराखंड की लोक संस्कृति . लोक परम्पराओं और मान्यताओं में यहां की प्राकृतिक सुन्दरता की तरह ही ” खूबसूरत परियों . जिन्हें ” आछरी ” कहा जाता है की अवधारणा है । मान्यता है कि पहाड़ के खूबसूरत बुग्यालों में ” बारह भै ( बारह भाई ) वण दयो ( वन देवता ) सोलह लिंग ऐडी ( ऐडी भी वन परी हैं ) और नौ बहिनें आछरी हैं। सभी अत्यन्त खूबसूरत . पवित्र । इन नौ वन बहिनों मे एक का नाम है “” भराडी “” 

** अब मैं विषय पर आता हूं । उत्तराखंड राज्य का जो खूबसूरत विधान सभा भवन . विधायक निवास ” जिस भराडी सैण में बना है . वह “” भराडी सैण ” वही भराडी है जो अपने अदभुत सौंदर्य और पवित्रता के कारण जाने कब से एक खूबसूरत ऐसा बुग्याल नुमा स्थान है जिसकी बनावट ” सुन्दर हथेलियों की तरह है जिस पर अल्पनाओं की मेहंदी रची बसी है । “” भराडी सैण ” ” परी कथाओं ” की तरह ही वेहद खूबसूरत है । 70 के दशक में यहां की खूबसूरती . जलवायु और बुग्याल तथा औषधि पूर्ण घास को देखते हुये यहाँ पर ” डेनमार्क की गाइयां लायी गयीं । विदेशी पशु प्रजनन केंद्र खोला गया । खूब गौ थी और खूब दूध देतीं थीं । 2000 तक यहाँ की गाय का दूध हमने भी पिया । यहाँ की गौ के बछडे हर गांव में पहुंचे और घर में पहुंचे और खूब दूध दें यह योजना भी थी सरकार की । कुछ समय बाद जिस उद्देश्य से ” भराडी सैण मे गौ पालन का यह केन्द्र वह गति और धारणा को अपेक्षा के अनुसार नहीं चला पाया । हालांकि इस की शाखा आज भी यहाँ है ।

उत्तराखंड राज्य बना तो सबकी भावना थी कि इस पहाड़ी राज्य की राजधानी भी पहाड़ में हो । अनेक स्थान तलाशे गये । मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता । पर अंत में “” खूबसूरत परियों के देश “” भराडी ” को उत्तराखंड की सपनों की राजधानी के लिए तय करते हुये यहाँ पर विधान सभा भवन समेत सभी वह निर्माण शुरू हुये जो ” परियो के देश भराडी ” में उत्तराखंड की राजधानी के सपनो को जमीनी धरातल उतारने के भावनाओं के अनुसार शुरू हुये ।
एक अरब 25 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि खर्च हो गयी । आधे अधूरे विधान सभा भवन में एक विधान सत्र भी हुआ …

** पर क्या हो रहा है बेमन और चेहरे पर चेहरे ओढे और ” खूबसूरत भराडी के साथ कीचड़ भरी राजनीति का खेल ….
किसी से छिपा नहीं हैं
“” भराडी सैण पर ** श्रृंखला 1*

लगातार लिखने का प्रयास करूंगा । तब तक जब तक आप की सपनों की और पहाड़ की लोक संस्कृति की खूबसूरत ” परी वन देवी भराडी के सपनों की भराडी सैण राजधानी न बन जाय । आप सब आशीष और प्रेरणा दीजिये ।

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