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उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में मिले 13 ताम्रपत्र आखिर आये कहां से ?

मंदिर समिति के अनुसार कोई ताम्रपत्र अब तक नहीं देखा, अब पुरातत्व विभाग से होगी जांच 

स्थानीय लोगों में बीते दो दिन से ताम्रपत्र बने हुए हैं चर्चा का केंद्र 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

उखीमठ : भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में अलग-अलग स्थानों पर मिले 13 ताम्रपत्र आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं। जबकि मंदिर समिति का कहना है, कि बीते मंगलवार से पूर्व यह ताम्रपत्र यहां नहीं थे। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि यह ताम्रपत्र मंदिर की दीवारों पर एक दिन में ही कैसे और कहां से आ गए। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष व कार्याधिकारी ने जांच के बाद वास्तविकता सामने लाने की बात कही है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले मंगलवार को एक बैठक में शामिल होने ऊखीमठ पहुंचे बीकेटीसी के उपाध्यक्ष अशोक खत्री को कुछ लोगों ने सूचना दी कि मंदिर की दीवारों पर ताम्रपत्र लगे हैं। इस पर, उपाध्यक्ष, कार्याधिकारी व अन्य कर्मचारियों द्वारा पूरे मंदिर परिसर का निरीक्षण किया गया तो पाया कि रावल गद्दी स्थल के समीप चंडिका मंदिर में फरसों के पीछे चार, केदारनाथ गद्दीस्थल के नीचे दो और ऊषा-अनिरुद्ध विवाह स्थल के समीप दरवाजों पर सात छोटे-छोटे ताम्रपत्र लगे मिले। इन पर की गई लिखावट के कई अक्षर पढ़ने में आ रहे हैं, लेकिन पूरा शब्द या वाक्य नहीं पढ़ा जा रहा है।

हालांकि समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी कहना है कि मंदिर परिसर में कहीं कोई ताम्रपत्र नहीं था। समिति के रिकार्ड बुक में भी किसी भी ताम्रपत्र का उल्लेख नहीं है। यहीं नहीं, किसी अधिकारी-कर्मचारी ने भी इससे पूर्व कभी किसी ताम्रपत्र मिलने या देखने की बात नहीं कही। इधर, स्थानीय लोगों में बीते दो दिन ये ताम्रपत्र चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।

वहीं श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री का कहना है कि मंदिर के अलग-अलग भागों में ताम्रपत्र लगे हुए मिले हैं, लेकिन कर्मचारी पूर्व में ऐसा नहीं होना बता रहे हैं, जो जांच का विषय है। पुरातत्व विभाग को ताम्रपत्र की जांच के लिए लिखा जा रहा है। अगर, किसी ने यह जानबूझकर किया है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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