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वीर चक्र विजेता कैप्टन करम सिंह का निधन, 100 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

वीर चक्र विजेता कैप्टन करम सिंह का निधन, 100 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस कैप्टन सामंत ने मैनइटर्स बटालियन की ओर से 1947 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में बड़गाम में असाधारणा वीरता का प्रदर्शन किया था।

जिसके लिए उन्हें वीर चक्र से नवाजा गया था।उत्तराखंड के चंपावत निवासी वीर चक्र विजेता कैप्टन (सेवानिवृत्त) करम सिंह सामंत का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने 10 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार पंचेश्वर घाट पर हुआ। उनके पूर्व सैनिक बेटे लक्ष्मण सिंह सामंत ने चिता को मुखाग्रि दी।

सैन्य सम्मान के साथ नहीं हो सका अंतिम संस्कार
समय पर जानकारी नहीं लगने के कारण उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई नहीं दी जा सकी। अलबत्ता आठ कुमाऊं पिथौरागढ़ के कमाइंडिंग अफसर कर्नल कृष्णा थापा और नायब सूबेदार प्रकाश चंद्र शर्मा ने उनके लोहाघाट स्थित आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की.

भारत-पाक युद्ध में दिखाया था पराक्रम
कैप्टन सामंत ने मैनइटर्स बटालियन की ओर से 1947 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में बड़गाम में असाधारणा वीरता का प्रदर्शन किया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें 1950 में वीरचक्र के सम्मान से नवाजा गया। मूल रूप से लोहाघाट ब्लॉक के निडिल गांव में पहली नवंबर 1923 को जन्में कैप्टन करम सिंह नवंबर 1942 में सेना में शामिल हुए थे और नवंबर 1970 तक सेना में सेवा दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोहाघाट के निडिल गाँव निवासी व 1947 में बड़गाम में बहादुरी के लिए वीर च्रक से नवाज़े गए कैप्टन (सेवा.नि.) करम सिंह सामंत के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। मुख्यमंत्री ने स्व0 कैप्टन करम सिंह सामंत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी वीरता पर हमें गर्व है।

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