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Uttrakhand : शिक्षकों के अनिवार्य स्थानांतरण में बड़े पैमाने पर अनियमितता

निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी द्वारा प्रत्यावेदनों के निस्तारण होने तक शिक्षकों को कार्यमुक्त करने पर रोक लगाई थी जिसे आज एक माह से ऊपर होने पर भी शिक्षक अपने पुराने कार्यस्थलों पर बने हुए हैं जबकि कई शिक्षक इस आदेश से पहले ही पिछले कार्यस्थल से कार्यमुक्त हो चुके थे वे अपने प्रत्यावेदन के निस्तारण का इंतजार कर रहे हैं और उनका वेतन अटका हुआ है ।

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स्थानांतरण अधिनियम के अनुसार एक सप्ताह के भीतर प्रत्यावेदनों का निस्तारण हो जाना चाहिए था । यहां बड़ा सवाल यह है कि अधिकतर प्रत्यावेदन सुगम से दुर्गम स्थल पर स्थानांतरित शिक्षकों के थे ।

आशंका जताई जा रही है कि इन स्थानांतरणों को रोकने के लिए बड़े स्तर पर सोची समझी रणनीति के तहत विभागीय अधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से जानबूझ कर अनियमितता की जा रही है । इसी कारण से निस्तारित किए गए प्रत्यावेदनों को सार्वजनिक भी नहीं किया जा रहा है ।

सचिव और महानिदेशक की नाक के नीचे सुगम से दुर्गम जाने वाले शिक्षकों को रोका जाना सामान्य बात नहीं है । नियमानुसार अनिवार्य स्थानांतरण अधिनियम के अन्तर्गत हुए स्थानांतरणों को उच्च से उच्चतम स्तर का अधिकारी भी नहीं रोक सकता है ।

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