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उत्तराखंड के न्यायालयों में 353206 केस हैं फैसले के इंतजार में

Uttarakhand courts have 353206 cases waiting for decision

पिछले 8 साल में लम्बित केसों में 110 प्रतिशत की
वृद्धि
उच्च न्यायालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध
करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा
उत्तराखंड के न्यायालयों में पिछले 8 वर्षों में लम्बित केसों की
संख्या दोगुनी से अधिक हो गयी है। 31 दिसम्बर 2022 को उत्तराखंड के
न्यायालयों में 3 लाख 53 हजार 206 केस लम्बित थे जिसमें 44512 केस
हाईकोर्ट में तथा 3,0869 केस अधीनस्थ न्यायालयों में लम्बित थे। यह
खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन
को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी
सूचना से हुआ है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड
उच्च न्यायालय के लोक सूचना अधिकारी से उच्च न्यायालय तथा अधीनस्थ
न्यायालयों में लम्बित केसों के विवरण की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर
में लोेक सूचना अधिकारी ने अपने पत्रांक 562 दिनांक 06-02-23 के साथ
31 दिसम्बर 2022 तक केसों के विवरणों की प्रतियां उपलब्ध करायी हैं। इससे
पूर्व भी प्रत्येक वर्ष उनके मांगने पर लोक सूचना अधिकारी सम्बन्धित
वर्र्षांे के विवरणों की फोटो प्रतियां उपलब्ध कराते रहे हैं।
श्री नदीम को उपलब्ध विवरण के अनुसार 31 दिसम्बर 2022 को उच्च न्यायालय
में कुल 44512 केस लम्बित थे इसमें 25635 सिविल तथा 18877 क्रिमनल केस
शामिल थे। उत्तराखंड के जिलों के अधीनस्थ न्यायालयों में कुल
308694 केस लम्बित थे इसमें 37872 केस सिविल तथा 270822 केस क्रिमनल
(अपराधिक) शामिल थे।श्री नदीम को पूर्व में उपलब्ध कराये गये विवरणों के अनुसार 31 दिसम्बर
2014 को कुल 168431 केस लम्बित थे जिसमें 110 प्रतिशत की वृद्धि होकर 31
दिसम्बर 2022 को लम्बित केसों की संख्या 353206 हो गयी। उत्तराखंड के
उच्च न्यायालय में 31 दिसम्बर 2014 को 23105 केस लम्बित थे जिनमें 93 प्रतिशत
की वृद्धि होकर 44512 केस हो गये।
श्री नदीम को उपलब्ध विवरणों के अनुसार लम्बित केसों में वृद्धि दर एक
समान नहीं रही है। कुछ वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है तथा कुछ
वर्षों में कमी भी हुई है। जहां वर्ष 2014 के अंत में 168431 केस
2015 में 113 प्रतिशत 193298 वर्ष 2016 में 132 प्रतिशत 222952 वर्ष 2017
में 143 प्रतिशत 240040 वर्ष 2018 में 158 प्रतिशत 266387 वर्ष 2019 में
कम होकर 2014 की तुलना में 137 प्रतिशत 230688 वर्ष 2020 में 171 प्रतिशत
287273 वर्ष 2021 में 195 प्रतिशत 328167 तथा 2022 में 2014 की तुलना
में 210 प्रतिशत 353206 हो गये हैं।

 

उच्च न्यायालय में लम्बित केसों में वृद्धि दर अधीनस्थ न्यायालयों की
अपेक्षा कम रही है। उच्च न्यायालय मेें 2014 के अंत में कुल 23105 केस
लम्बित थे जो 2015 में 115 प्रतिशत 26680 वर्ष 2016 में 139 प्रतिशत
32004 वर्ष 2017 में कम होकर 130 प्रतिशत 30022 वर्ष 2018 में 147
प्रतिशत 34049 वर्ष 2019 में 153 प्रतिशत 35407 वर्ष 2020 में 164 प्रतिशत
37923 वर्ष 2021 में 177 प्रतिशत 40963 तथा वर्ष 2022 में 193 प्रतिशत
44512 हो गये है।
न्यायालयों में लम्बित केसों में वृद्धि का सबसे बड़ा कारण जजों की
कमी माना जाता है। उत्तराखंड में उच्च न्यायालय में 11 स्वीकृत पद है जबकि
06 जज ही कार्यरत हैं जबकि अधीनस्थ न्यायालयों में सिविल जज (जू.डि.) के
108 में से 24 पद रिक्त हैं जबकि सिविल जज (सी.डि.) के 89 में से 4 पद रिक्त हैं
तथा उच्च न्यायिक सेवा (जिला जज आदि) के 102 में से 3 पद रिक्त है।

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