उत्तराखंड में 28 प्रतिशत विधायक निधि अभी भी खर्च होने को शेष

- 11 विधायकों की आधी से कम तथा 13 विधायकों की 90 प्रतिशत से अधिक खर्च
- सूचना अधिकार से प्राप्त सूचनाओं के छपने से हुआ भारी सुधार
- 94 फीसदी विधायक निधि खर्च कर चुके हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
काशीपुर। उत्तराखंड के वर्तमान विधायकों को दिसम्बर 2018 तक कुल 266.25 करोड़ रूपये की विधायक निधि उपलब्ध हुई जबकि उसमें से दिसम्बर 2018 तक केवल 72 प्रतिशत 92.69 करोड़़ की विधायक निधि ही खर्च हो सकी। 28 प्र्रतिशत 73.56 करोड़ की विधायक निधि खर्च होने को शेष है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से यह मामला प्रकाश में आया है।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड के ग्र्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से विधायक निधि खर्च सम्बन्धी सूचना मांगी थी। जिसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/आयुक्त (प्रशासन) डा. जी.एस.खाती द्वारा अपने पत्रांक 3084के साथ विधायक निधि वर्ष 2017-18 का विवरण दिसम्बर 2018 उपलब्ध कराया है। जिसमें दिसम्बर 2018 के अंत तक की विधायक निधि खर्च का विवरण दिया गया है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड के 71 विधायक को 375 लाख रूपये प्रति विधायक की दर से 26625 लाख रूपये की विधायक निधि दिसम्बर 2018 तक उपलब्ध करायी गयी। इसमें से जनवरी 2019 के प्र्रारंभ में रू. 7355.98 लाख की विधायक निधि खर्च होने को शेष है।
उत्तराखंड के 71 विधायकों में 11 विधायकों की आधी विधायक निधि भी खर्च नहीं हुई है। सबसे कम विधायक निधि खर्च वाले विधायक केदारनाथ विधायक मनोज रावत है जिनकी केवल 10 प्रतिशत विधायक निधि खर्च हुई है। जबकि इनसे अधिक 17 प्रतिशत खर्च वाले श्रीनगर विधायक धनसिंह तथा 28 प्रतिशत खर्च वाले धारचूला विधायक हरीश चंद्र धामी है। इनके अतिरिक्त आधी से कम खर्च वाले विधायकों में 41 प्रतिशत खर्च वाली नेता प्रतिपक्ष हल्द्वानी विधायक इन्दिरा ह्र्रदयेश, 43 प्रतिशत खर्च वाले पूर्व विधान सभा अध्यक्ष जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल, चकराता विधायक प्रीतम सिंह, 47 प्रतिशत खर्च वाले रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत, 48 प्रतिशत खर्च वाले कैेबिनेट मंत्री व पिथौरागढ़ विधायक प्र्रकाश पंत, द्वाराहाट विधायक महेश नेगी, 49 प्रतिशत खर्च वाले रानीखेत विधायक करन मेहरा शामिल है।
उत्तराखंड के 13 विधायकों की 90 प्रतिशत से अधिक विधायक निधि खर्च हो चुकी है। इसमें सर्वाधिक 99 प्रतिशत विधायक निधि खर्च करने वाले कपकोट विधायक बलवंत सिंह दूसरे स्थान पर 98 प्रतिशत खर्च वाले चम्पावत विधायक कैलाश गहतोड़ी तथा लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल शामिल है। तीसरे स्थान पर 97 प्रतिशत खर्च नामित विधायक जी.आई.जी. मैमन, मसूरी विधायक गणेश जोशी तथा राजपुर विधायक खजान दान शामिल है। इनके अतिरिक्त 90 प्रतिशत से अधिक विधायक निधि खर्च वालों में 96 प्रतिशत खर्च वाले बागेश्वर विधायक चन्दनराम दास, तथा सहसपुर विधायक सहदेव पुण्डीर, 95 प्रतिशत वाले लक्सर विधायक संजय गुप्ता, 94 प्रतिशत वाले मुख्यमंत्री तथा डोईवाला विधायक त्रिवेन्द्र सिंह रावत, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, 92 प्रतिशत वाले देहरादून विधायक हरवंश कपूर तथा 91 प्रतिशत वाले कुंवर प्र्णव चैंपियन शामिल है।
श्री नदीम को उपलब्ध विवरणों के अनुसार वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018 में विधायक निधि खर्च की धनराशि में भारी सुधार हुआ है। जहां दिसम्बर 2017 में उपलब्ध 195.25 करोड़ की विधायक निधि में से केवल 12 प्रतिशत 23.29 करोड़ की धनराशि ही खर्च हुई थी। दिसम्बर 2017 तक उत्तरकाशी जिले के विधायकों की 29 प्र्रतिशत विधायक निधि खर्च धनराशि बढ़कर दिसम्बर 2018 में 67 प्रतिशत हो गयी है।
टिहरी के विधायकां की 9 प्रतिशत से बढ़कर 69 प्रतिशत, देहरादून की 34 प्र्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत, हरिद्वार की 9 प्रतिशत से बढ़कर 82 प्रतिशत, पौड़ी की 6 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत, रूद्रप्रयाग के विधायकों की कोई भी धनराशि दिसम्बर 2017 तक खर्च नहीं हुई थी जबकि दिसम्बर 2018 तक 46 प्रतिशत खर्च हो चुकी है, चमोली की 3 प्रतिशत से बढ़कर 54 प्रतिशत, बागेश्वर की 18 प्रतिशत से बढ़कर, 97 प्रतिशत, अल्मोड़ा की 2 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत, नैैनीताल की 5 प्रतिशत से बढ़कर 69प्रतिशत, उधमसिंह नगर की 5 प्रतिशत से बढ़कर 77 प्रतिशत, चम्पावत की 19 प्रतिशत से बढ़कर 98प्रतिशत तथा पिथौरागढ़ के विधायकों के खर्च की धनराशि दिसम्बर 2017 तक 4 प्रतिशत से बढ़कर 48 प्रतिशत हो गयी है।
दिसम्बर 2017 तक 21 विधायकों की विधायक निधि का एक रूपया भी खर्च नहीं हुआ था वही दिसम्बर 20118 में 10 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च वाला भी कोई विधायक नहीं है बल्कि 50 प्रतिशत तक विधायक निधि खर्च वाले भी मात्र ग्यारह विधायक है। इसके अतिरिक्त दिसम्बर 2017 तक सर्वाधिक विधायक निधि केवल 64 प्रतिशत तक खर्च की जबकि दिसम्बर 2018 तथा 99प्रतिशत तक विधायक निधि खर्च हुई है।
श्री नदीम के अनुसार विधायक निधि खर्च में पिछले एक वर्ष में खासी वृद्धि का एक कारण सूचना अधिकार से प्राप्त विधायक निधि की सूचनाओं का प्रेस , इलैक्ट्रानिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के सामने आना भी है। श्री नदीम ने जनहित में ऐेसी सूचनाओं संबंधी समाचार प्रकाशित करने पर मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त किया है।