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कोविड-19 के संक्रमण में भी देश के हर छात्र को पढ़ाई से जोड़ने में सफल रहे डॉ. निशंक

एक-एक छात्र को यह विश्वास दिलाया कि आपात स्थिति से निपटने में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है सरकार 

डॉ. निशंक को जाता है शिक्षा के सभी सरकारी ऑनलाइन माध्यमों की छात्रों तक पहुंच बनाने का श्रेय 

छात्रों और अभिभावकों के साथ संवाद बनाने की इतनी बड़ी पहल अभी तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इतिहास में नहीं दिखाई दी

टाइम्स ऑफ इंडिया ने देशभर के 21 करोड़ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को ऑनलाइन माध्यमों से व्यवस्थित कराने के लिए डॉ. निशंक की प्रशंसा की 

एनएसए अजीत डोभाल ने की मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. निशंक की कार्यशैली की तारीफ और कहा गोविन्द बल्लभ पंत के बाद नज़र आया ऐसा HRD मंत्री 

पढ़ाई के साथ घर बैठे छात्रों के मनोविज्ञान और उनके स्वास्थ्य की भी चिंता मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने की

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

कोविड-19 संक्रमण के दौर में देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना पड़ा। स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक में पढ़ाई से लेकर वो तमाम व्यवस्थाओं, जिनका शिक्षा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है, को बेहतर समन्वय के साथ पूरा करना, कोई आसान लक्ष्य नहीं था। एक-एक छात्र को यह विश्वास दिलाना कि कोरोना संक्रमण की आपात स्थिति से निपटने में सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, कोई आसान कार्य नहीं है। इतने बड़े देश में छात्रों और अभिभावकों के साथ संवाद बनाने की पहल अभी तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय के इतिहास में नहीं दिखाई दी।
यह सब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की उन योजनाओं का परिणाम है, जिनमें उन्होंने शिक्षा से जुड़े राज्य व राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न संस्थानों, आयोगों, विश्वविद्यालयों, बोर्डों, अनुसंधान केंद्रों, विद्यालयी संगठनों, विभागों से समन्वय स्थापित करके किया। उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है कि डॉ. निशंक देश के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुखिया हैं, जिस पर देशभर की शिक्षा व्यवस्था का जिम्मा है। 
डॉ. निशंक की कार्य दक्षता और सभी से समन्वय बनाने कार्यशैली की तारीफ करते हुए एनएसए अजीत डोभाल ने एक बैठक में उनसे कहा कि आपने स्वयं यह कल्पना नहीं की है कि आप कितनी बड़ी जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं। उत्तराखंड से गोविंद बल्लभ पंत जी के बाद आप दूसरा कद हैं, जिन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को संभाला है।  
हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया ने देशभर के 21 करोड़ छात्र-छात्राओं की पढ़ाई को ऑनलाइन माध्यमों से व्यवस्थित कराने को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. निशंक की प्रशंसा की है। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश में शैक्षणिक संस्थान, स्कूल, कॉलेज सब बंद करने पड़े तो शिक्षा को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, यह सवाल खड़ा हो गया। डॉ. निशंक ने इस बड़ी चुनौती से निपटने के लिए खुद कमान संभाली। टेलीविजन से लेकर सभी सरकारी और निजी माध्यमों को प्रोत्साहित किया और बेहतर से बेहतर शैक्षणिक सामग्री को ऑनलाइन माध्यमों से छात्र-छात्राओं तक पहुंचाया। 
डॉ. निशंक की कार्य दक्षता ही है कि उनके नेतृत्व में पूरा देश सरकारी की ऑनलाइन शैक्षणिक सामग्री और व्यवस्थाओं को जान गया। शैक्षणिक संस्थानों को ऑनलाइन क्लासों के माध्यमों से बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया। घर बैठे बच्चों के बीच शिक्षा का सहयोगात्मक, समन्वयपूर्ण माहौल बनाने का काम देश के शिक्षा मंत्रालय ने बखूबी किया।
प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी तकर पढ़ाई के लिए कैलेंडर जारी करके बच्चों के बीच पढ़ाई का रणनीतिपूर्ण माहौल बनाने का प्रयास किया गया। इसी बीच सीबीएसई स्कूलों में पाठ्यक्रमों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनको पूरे देश ने अभिनव और रचनात्मक फैसलों के रूप में स्वीकार करते हुए सराहना की। 
यही नहीं घर बैठे बच्चों के मनोविज्ञान और उनके स्वास्थ्य की भी चिंता मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने की। फिटनेस क्लास से लेकर विशेषज्ञों से संवाद के लिए ऑनलाइन व्यवस्थाएं की गईं। छात्रावासों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने से लेकर छात्रों के स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं को ख्याल रखने के स्तर तक व्यवस्थाएं जुटाई गईं। 
सीबीएसई, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों, एनसीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय संगठन, प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थानों सहित तमाम राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संस्थानों से मंत्रालय का कनेक्ट होना, वाकई चुनौतियों से निपटने की दिशा में बड़ा कदम है। यहां तक कि प्रतियोगी, प्रवेश और बोर्ड तथा विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं तक में मंत्रालय ने सहयोगी की भूमिका अदा की। 
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने शिक्षा संबंधी राज्यों की समस्याओं और सुझावों को भी जाना। राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बात की। यहां तक घरों में रह रहे छोटे बच्चों के लिए मिड डे मील की व्यवस्था कराने पर चिंता ही नहीं जताई, बल्कि उनको घर पर ही राशन भेजने की व्यवस्था बनाई। 
स्वयं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. निशंक ने सोशल मीडिया माध्यमों से छात्रों और उनके अभिभावकों से संवाद बनाया। उनको सुना और रणनीति बनाकर निर्णय लिए। परीक्षाएं कब होनी हैं। परीक्षाओं और पढ़ाई के लिए छात्रों के लिए हेल्पलाइन की व्यवस्था जुटाई गई। सोशल मीडिया पर छात्र उनसे कनेक्ट हो सकते हैं। 
डॉ. निशंक का मानना है कि उनको अपनी मेहनत और ईश्वर पर पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के शि्क्षा मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौैंपकर उन पर विश्वास व्यक्त किया है, जिसे पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ निभाएंगे। डॉ. निशंक स्वयं शिक्षक रहे हैं। वो जानते हैं कि शिक्षक और विद्यार्थियों के समझ किस तरह की चुनौतियां आती हैं। 

डॉ. निशंक ने वर्षों से परेशान उत्तराखंड के 16608 विशिष्ट बीटीसी को दिलाया न्याय 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने केंद्र सरकार का जताया आभार 

उत्तराखंड के 16,608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री तरवेंद्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री मोदी सहित केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. निशंक का आभार व्यक्त किया है, इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने डॉ.निशंक को फ़ोन कर उनको धन्यवाद करते हुए कहा कि इस निर्णय से उत्तराखंड सहित देश के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग तो पूरी हुई ही है साथ ही उनका भविष्य भी सुरक्षित हुआ है। 
उत्तराखंड के 16,608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा कराने का श्रेय भले ही कोई लेता रहे, लेकिन सामान्य सी बात है कि जिस मंत्रालय ने इनको राहत प्रदान की है, उसके मुखिया डॉ. निशंक ही हैं।केेंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ही उत्तराखंड के 16,608 विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को राहत मिली है।
उत्तराखंड में वर्ष 2001 से लेकर 2017 तक इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को एनसीटीई की मान्यता नहीं मिल पाई थी। इस स्थिति में इन शिक्षकों की नियुक्तियां खतरे में पड़ गई थीं।  केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इन शिक्षकों के लिए डीएलएड प्रशिक्षण लेने की डेडलाइन 31 मार्च, 2019 तय कर दी थी। इनमें से कुछ शिक्षकों ने इस ब्रिज कोर्स को पूरा भी किया, लेकिन ज्यादातर ने इस प्रशिक्षण में रूचि नहीं दिखाई। वर्षों से चली आ रही इस मांग को डॉ. निशंक ने पूरे जोरशोर से उठाया था। 
वर्तमान में डॉ. निशंक स्वयं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री हैं, उनके इस पूरे मामले की जानकारी है। इस मामले में निर्णय भी उनके मंत्रालय को ही लेना था। डॉ. निशंक ने विशिष्ट बीटीसी को न्याय दिलाने की प्रक्रिया को पूरा करते हुए उनकी मांग को पूरा करा दिया। इस संबंध में मंत्रालय के आदेश मिलते ही राज्य के 16,608 शिक्षकों की प्रोन्नति से लेकर तमाम सेवा लाभ मिलने की शुरू हो जाएंगे। 

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