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नेताओं ने संविधान का चीरहरण कर दिया है : काटजू

  • संसद में हो गया है अपराधियों का बोलबाला

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जाति, धर्म, सम्प्रदाय के नाम पर समाज को बांटने वालों को जब तक जनता सबक नहीं सिखाएगी, समाज का भला नहीं होगा।उन्होंने कहा आज देख में नए संविधान की आवश्यकता है। एक अरब से अधिक आबादी वाले देश में मॉर्डन संस्थान और मॉर्डन समाज की जरूरत है। इस दौरान काटजू ने देख के नेताओं को भी जमकर कोसा।

पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि संसद में अपराधियों का बोलबाला है। काटजू ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि जाति, धर्म, सम्प्रदाय के नाम पर समाज को बांटने वालों को जब तक जनता सबक नहीं सिखाएगी, समाज का भला नहीं होगा।

काटजू ने अमेरिका, ब्रिटेन, स्कॉटलैंड जैसे देशों के संविधान का उदाहरण दिया और कहा कि इन देशों में मॉडल शिक्षा संस्थान और सोसाइटी के निर्माण हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज नेताओं ने संविधान का चीरहरण कर दिया है। उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विकास के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन 45 साल बाद देश में बेरोजगारी चरम पर है।

उन्होंने कहा, नेताओं का काम आज सत्ता में आकर धन अर्जित कर अपने वैभव को बढ़ाने का है। गरीबी, शिक्षा, महिला सुरक्षा, समाज का मॉडल बनने की ओर ले जाने का ध्येय किसी का नहीं है। दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र का दम भरने वाले देश भारत के पड़ोस चीन में कोई गणतंत्र नहीं है, लेकिन वो दुनिया की सुपर पावर बनकर दुनिया को डरा रहा है। जबकि हमारे नेता गोरक्षा, राममंदिर, आर्थिक आरक्षण जैसे मुद्दों पर लड़ रहे हैं। देश में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं। इंडस्ट्री प्रोडक्शन नही बढ़ रहा। देश की लाखों मलिन बस्तियों के बारे में हम आजादी के 71 साल बाद भी कुछ नहीं कर पाए हैं।

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