CRIME

चंडीगढ़ से मरीज को कलालघाटी लेकर जा रही कार शक्ति नहर में गिरी

  • मरीज समेत तीन की मौत एक अभी भी लापता
  • नहर में तलाश किया जा रहा है एक मृतक का शव

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । कहते हैं कि मौत के कारण उपर वाले ने सुनिश्चित किये हुए हैं, ऐसा ही एक वाकया जिले की हिमाचल और उत्तराखंड सीमा के पास तब हुआ जब रात्री डेढ़ बजे कोतवाली विकासनगर अंतर्गत मटक माजरी के पास हुआ जब पौड़ी की कलालघाटी क्षेत्र के उदयरामपुर गांव के मतीदास पुत्र रेमीदास के पेट में ट्यू्मर का इलाज कराने के लिए परिजन पीजीआइ चंडीगढ़ गए थे, वहां से उपचार कराने के बाद मतीदास को पीजीआई से सकुशल डिस्चार्ज करवाकर अपने घर की ओर चल दिए । लेकिन विधि के विधान को कौन रोक सकता है। मतीदास की मौत बीमारी से नहीं बल्कि दुर्घटना से लिखी गयी थी इतना ही नहीं उसे अपने साथ अपने कुछ लोगों को भी अंतिम यात्रा पर साथ ले जाना था वो भी निश्चित था ।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात में कार सवार मरीज समेत छह लोग विमलेश कुमार पुत्र वेदप्रकाश, मतीदास पुत्र रेमीदास, दर्शनी देवी पत्नी मतीदास, हरीश चंद उर्फ गुडडु पुत्र अज्ञात, गणेश पुत्र चंद्रमोहन, संजय कुमार पुत्र मोहनलाल वापस अपने गांव उदयरामपुर लौट रहे थे। पीजीआइ चंडीगढ़ से मरीज का उपचार कराकर लौट रहे लोगों की कार शक्तिनहर में समा गई। रात करीब डेढ़ बजे हुए हादसे के दौरान कार सवार दो लोगों ने कूदकर अपनी जान बचाई। एसडीआरएफ और पुलिस ने बोट से रेस्क्यू कर कार को नहर से बाहर निकाला। कार से तीन शव बरामद हो गए, जबकि एक अभी भी नहर में है, जिसकी तलाश को रेस्क्यू चलाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार पौड़ी की कलालघाटी क्षेत्र के उदयरामपुर गांव के मतीदास पुत्र रेमीदास के पेट में ट्यू्मर का इलाज कराने के लिए परिजन पीजीआइ चंडीगढ़ लेकर गए थे, जहां से उपचार कराने के बाद गुरुवार की रात में कार सवार मरीज समेत छह लोग विमलेश कुमार पुत्र वेदप्रकाश, मतीदास पुत्र रेमीदास, दर्शनी देवी पत्नी मतीदास, हरीश चंद उर्फ गुडडु पुत्र अज्ञात, गणेश पुत्र चंद्रमोहन, संजय कुमार पुत्र मोहनलाल वापस अपने गांव उदयरामपुर लौट रहे थे।

जैसे ही रात में करीब डेढ़ बजे कार मटक माजरी के पास पहुंची कि अचानक अनियंत्रित होकर शक्तिनहर में समा गई। हादसे के दौरान दो लोगों गणेश पुत्र चंद्रमोहन, संजय कुमार पुत्र मोहनलाल ने बाहर छलांग लगा दी, जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से सकुशल बचा लिया गया। जबकि नहर में गिरी कार में सवार दंपती समेत चार लोग डूबकर लापता हो गए। सूचना मिलने पर एसएसआई नरोत्तम बिष्ट व चौकी इंचार्ज मुकेश कुमार ने मय पुलिस व एसडीआरएफ टीम के रेस्क्यू चलाया।

बोट से किए गए रेस्क्यू में शुक्रवार करीब दस बजे नहर में गिरी कार दिखाई दी, जिसे बांधकर बाहर निकाला गया तो उसके अंदर से विमलेश कुमार पुत्र वेदप्रकाश, मतीदास पुत्र रेमीदास, दर्शनी देवी पत्नी मतीदास के शव बरामद हो गए, जबकि हरीश चंद का शव नहर में ही तलाश किया जा रहा है। समाचार लिखे जाने तक रेस्क्यू जारी था। मृतकों के परिजन व ग्रामीण मौके पर आ चुके थे।

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