पर्यटन विभाग की योजना परवान चढ़ी तो गोमुख तक संवारा जायेगा रास्ता

- एडवेंचर एसोसिएशन ऑफ इंडिया सुधारेगा गोमुख का ट्रेक रूट
- हिंदु इकोनॉमिक्स फोरम ने दिखाई पंच बद्री मंदिरों में दिलचस्पी
देहरादून : गौमुख तक आने वाले श्रद्धालुओं और साहसिक पर्यटन से जुड़े पर्यटकों को अब पर्यटन विभाग द्वारा एडवेंचर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। एडवेंचर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने प्रस्ताव में इस इलाके में साफ सफाई को बेहतर करने से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम सहित संचार सुविधा के रूप में वाईफाई की सुविधा मिलेगी।
पर्यटन सुधार को लेकर किये जा रहे प्रयासों पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर का कहना है कि इस योजना का लाभ राज्य के पर्यटक स्थलों को विकसित करने में मिलेगा। वहीँ राज्य के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक नजरिए से सुंदर, मनोरम, पुरातत्व लिहाज से अहम मदिर, भवन, स्मारकों को विकसित किया जाएगा। दूसरे पर्यटक स्थलों को भी इस योजना से जोड़े जाने की योजना है।
हेरिटेज टूरिस्ट डेस्टिनेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इस योजना में केंद्र सरकार ने कार्पोरेट घरानों से ऐसे पर्यटन, हेरिटेज केंद्रों को विकसित किए जाने को आगे आने का आह्वन किया है जो राज्य के पर्यटक स्थलों को विकसित करने में राज्य सरकार का साथ देंगे। वर्तमान में राज्य सरकार के पास कई कार्पोरेट घरानों के प्रस्ताव आए हैं। वहीँ गौमुख ट्रैक के विकास को लेकर एडवेंचर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने प्रस्ताव दिया है। इसमें एसोसिएशन की ओर से गौमुख ट्रैक के विकास को लेकर धरातल पर काम किया जाएगा। पूरे ट्रैक रूट पर साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था रहे, इसके लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम विकसित होगा। साहयिक पर्यटन से जुड़े इस ट्रैक पर आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु देश दुनिया से कटे न रहे, इसके लिए संचार नेटवर्क मजबूत किया जाएगा। वाई फाई की सुविधा उपलब्ध रहेगी। ट्रैकर भटके न, इसके लिए जगह जगह साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके साथ ही तमाम दूसरी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
वहीँ पंच बदरी मंदिरों की जिम्मेदारी संभालने को हिंदु इकोनॉमिक फोरम ने दिलचस्पी दिखाई है। देवभूमि में बदरी केदार धाम का जितना महत्व है, उतना ही पंच बदरी का भी। असल में ये मंदिर भी बदरीनाथ धाम के ही अंग हैं। पंच बदरी मंदिरों में श्री बदरी नारायण, आदि बदरी, वृद्ध बदरी, योग ध्यान बदरी, भविष्य बदरी मंदिर शामिल हैं।
पर्यटन विभाग की इस योजना के तहत देश भर के 76 स्मारकों, प्राकृतिक स्थलों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। इनके विकास का जिम्मा जीएमआर, आईटीसी, डालमिया, एनबीसीसी, ट्रेवल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया, यात्रा डॉट कॉम, एसबीआई फाउंडेशन, वी रिजॉर्ट्स, इंटर ग्लोब, एडवेंचर टुर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया शामिल हैं।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार के साथ एमओयू करने में उत्तराखंड दूसरे राज्यों से आगे रहा। अभी तक इस एमओयू पर सिर्फ जम्मू कश्मीर व उत्तराखंड के साथ ही साइन कर पाया है। इस योजना का मकसद समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने व पर्यटन को बढ़ावा देना है।
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