Uttarakhand

गैरसैंण स्थायी राजधानी को लेकर सर्द मौसम में भी सुलग रहा पहाड़ !

  • युवाओं के भी स्थायी राजधानी आंदोलन में कूदने के आसार !

  • गैरसैंण को स्थायी राजधानी को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने को युवा  तैयार

श्रीनगर (गढ़वाल) : गैरसैंण को राजधानी घोषित करने की मांग की आवाज धीरे-धीरे पहाड़ों के कस्बों से लेकर राजधानी देहरादून तक उठने लगी है।  राजधानी को लेकर बीते  चार दिनों से आमरण-अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों को चमोली पुलिस द्वारा जबरन उठाकर श्रीनगर बेस अस्पताल में भर्ती कराया, किंतु आंदोलनकारी पुलिस को चकमा देकर श्रीनगर में हेमवतीनंदन बहगुणा की मूर्ति के समक्ष धरने पर बैठ गए जिन्हे पुलिस ने बीते दिन बमुश्किल बेस अस्पताल में पुनः भर्ती कराया जहाँ आंदोलनकारियों  ने अनशन जारी रखते हुए डॉक्टरी जांच करने से इंनकार दिया।

गौरतलब हो कि गैरसैंण को राजधानी बनाये जाने की मांग  को लेकर इन दिनों एक बार फिर पहाड़ शीतलहर के बावजूद आंदोलन की गर्मी से दो -चार हो रहे हैं। गैरसैण को  राजधानी न बनाये जाने के नाम के बार -बार छले जाने के बाद पहाड़ में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाये जाने को लेकर जगह-जगह आंदोलन शुरू हो गए हैं।  इसी क्रम में  गैरसैंण में आमरण-अनशन पर बैठे आंदोलनकारी प्रवीन सिंह, विनोद जुगलान, रामकृष्ण तिवारी, महेश चन्द्र पांडे को प्रशासन ने डॉक्टरी जांच के लिए बेस अस्पताल में भर्ती कराया था, किंतु आंदोलनकारियों ने बेस अस्पताल से अचानक गायब होकर श्रीनगर में स्व. एचएन बहुगुणा की मूर्ति के आगे धरने पर बैठ गये।

महासचिव देवकांत देवराड़ी और सचिव कवीन्द्र ने बताया कि जब तक पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की राजधानी पहाड़ में नहीं बनायीं जाएगी तब तक उत्तराखंड का विकास नहीं हो सकता।  उन्होंने कहा राज्य आंदोलन की मूलभावना गैरसैण राजधानी को लेकर लड़ा गया आंदोलन था जिन्हे राजनीतिक दलों ने केवल चुनाव का शगूफा बना डाला।  जबकि उत्तराखंड के पहाड़ के सभी लोग गैरसैण को राजधानी के रूप में देखना चाहते हैं और यहीं राजधानी राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों की भी मांग थी और राज्य आंदोलन गैरसैंण को ही केंद्र में रखकर किया गया था।  उन्होंने कहा आज युवा राजनैतिक दलों की असलियत और चालाकी समझ गया है और वह अब और बेवकूफ बनने को तैयार नहीं और गैरसैण को स्थायी राजधानी को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने को वह तैयार है।

इस दौरान प्रगतिशील जनमंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी, विमला कोठियाल, आइसा के अतुल सती, शिवानी पांडेय, महासचिव देवकांत देवराड़ी, नीरज रेम्स, संजय घिल्डियाल ने आंदोलनकारियों के समर्थन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि राजधानी गैरसैंण में बने इसको लेकर सभी एकजुट होंगे।दोपहर बाद भर्ती चार आंदोलनकारी अस्पताल से बिना बताए चले गए, जिससे प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया। जबकि आंदोलनकारी श्रीकोट से श्रीनगर पहुंचकर हेमवती नंदन बहुगुणा की मूर्ति के आगे धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस ने जबरन आंदोलनकारियों को उठाकर दोबारा बेस अस्पताल में भर्ती करा दिया, जबरन उठाए जाने पर पुलिस और आंदोलनकारियों में खूब धक्का-मुक्की एवं नोंकझोंक भी हुई। इस दौरान नगर क्षेत्र के राज्य आंदोलनकारी एवं छात्र नेता भी आंदोलनकारियों के समर्थन में आ पहुंचे।

आंदोलनकारी विनोद जुगलान ने कहा कि प्रशासन ने उन्हें श्रीनगर भेजा है तो श्रीनगर अस्पताल में ही धरना दिया जायेगा। जबकि सभी आंदोलनकारियों ने मंगलवार को छठवें  दिन भी आमरण-अनशन जारी रखा। अस्पताल प्रशासन के अनुसार आंदोलनकारियों की हालत अभी ठीक है। एसडीएम श्रीनगर मायादत्त जोशी ने बताया कि आंदोलनकारियों की तबीयत को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया था  वहीँ अस्पताल में शांति व्यवस्था बने रहे इसके लिए पुलिस तैनात भी की गई है।

devbhoomimedia

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