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आज सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण,एक रात में तीन-तीन खगोलीय घटनाएं!

  • शुक्रवार रात 11.55 से 3.49 बजे तक 03.54 घंटे रहेगा चंद्रग्रहण
  • होगा तो चंद्रग्रहण, लेकिन नजरें होंगी मंगल ग्रह पर
  • वैज्ञानिक शोध के नजरिए से मंगल होगा आज खास
  • इसलिए इस घटना को कहते हैं ‘ब्लड मून’
  • सूतक काल दोपहर 2.55 बजे से कल दोपहर तक 

DEHRADUN। खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार मंगल इन दिनों पृथ्वी के सबसे नज़दीक आ पहुंचा है। यह संयोग पिछले 60 हजार साल में दूसरी बार बनने जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2003 में मंगल हमारे सर्वाधिक नजदीक पहुंचा था। यही कारण है कि (आज) 27 जुलाई शुक्रवार को जहाँ खास खगोलीय घटनायें होने जा रही है वहीँ इस 21 वीं सदी में मंगल ग्रह का चंद्रग्रहण सर्वाधिक लंबे चंद्रग्रहण भी होगा, इस दौरान आसमानी आतिशबाजी कि अभूतपूर्व घटनायें इस चंद्रग्रहण को और भी रोमांचक बनाएगी। इस रात डेल्टा एक्वारिड्स यानि उल्का वृष्टि भी चरम पर रहने वाली है। एक ही रात में होने जा रही तीन-तीन आकर्षक खगोलीय घटनाएं शताब्दी के इस चंद्रग्रहण को और भी यादगार बनाने जा रही हैं।

शुक्रवार को हो रहे चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना तो आधी रात से शुरू होगी। इससे पहले जहाँ शाम ढलते ही लाल ग्रह पूरब दिशा में अनूठी चमक बिखेरते हुए उदय हो रहा होगा। इसके बाद पूरी तरह से खिला हुआ चांद नजर आएगा। मौसम यदि साफ़ रहा तो आप लोग धरती की तरफ इस गिरती हुई आसमानी आतिशबाजी के रूप में जलती हुई चमकदार उल्काएं आसमान से धरती की ओर गिरने हुए भी देख सकते हैं । जिन्हे सूर्यास्त के समय दिखने की अधिक संभावना है। वहीं पूर्ण ग्रहण के दौरान के अलावा सूर्योदय से पहले देखे जाने की संभावना है। इस बीच मंगल व चंद्रमा एक दूसरे के बेहद करीब आते हुए भी नजर आएंगे।

शुक्रवार कि रात ही मंगल की चमक अपनी औसत चमक से लगभग 12 गुना अधिक होगी। आसमानी आतिशबाजी में डेल्टा एक्वारिड्स उल्का वृष्टि 27 जुलाई की रात चरम पर रहने वाली है। इसके बाद भी इसे अगस्त माह तक देखा जा सकेगा।वहीँ इसी बीच चंद्रग्रहण रात 11.55 बजे शुरू हो जाएगा। एक बजे तक पूर्ण ग्रहण लगा चांद नजर आने लगेगा, जो सुबह 2.43 बजे तक पूरी तरह धरती की छाया के आगोश में रहेगा और 3.49 बजे चंद्रमा ग्रहण से मुक्त हो जाएगा।

आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोलीय वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार यह तीनों घटनाएं खगोलीय दृष्टि से बेहद खास हैं। वहीं वैज्ञानिक नजरिए से मंगल ग्रह अध्ययन के लिए खास होगा। मंगल मिशन के लिए भावी योजनाओं के अलावा इन दिनों मंगल के वातावरण पर छाए धूल के गुबार का अध्ययन किए जाने में इस दौरान मदद मिलेगी।

पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से होकर गुजरता है तो वह नाटकीय रूप से चमकीले नारंगी रंग से लाल रंग का हो जाता है। यही कारण है कि इस अवधि में उसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। वहीँ धर्मशास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण में 12 घंटे व चंद्रग्रहण में नौ घंटे पूर्व सूतक लग जाता है। इस लिहाज से सूतक काल शुक्रवार दोपहर 2.55 बजे से शुरू होगा जो शनिवार दोपहर तक रहेगा।

devbhoomimedia

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