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पूरे विश्व में केवल एक ही धर्म है हिन्दू बाकी सब संप्रदाय : मोहन भागवत

  • भारत में रहने वाले प्रत्येक  नागरिक के पूर्वज हिंदू ही 

हरिद्वार : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि अहंकार कट्टरता पैदा करता है। लालच और स्वार्थ से किए गए कार्य कभी सफल नहीं होते। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले हरेक नागरिक के पूर्वज पूर्व में हिंदू ही रहे हैं। पूरे विश्व में एक ही धर्म है बाकी सब संप्रदाय हैं। हम धर्मांतरण के विरोधी हैं लेकिन जो हमारे साथ मिलना चाहता है उसके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि विवाद में ना पड़े और अपनी इच्छा के अनुसार अपने देश के मान और सम्मान की रक्षा के हमेशा तैयार रहें। सबको साथ लेकर चलने का मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि धर्म जागरण का काम निरंतर चलता रहना चाहिए। मानवता से देवतत्व की ओर बढ़ाना ही हमारा कार्य है।

मोहन भागवत सोमवार को पांच दिन से पतंजलि योगपीठ के सभागार में धर्म जागरण समन्वय समिति की ओर से आयोजित साधु साध्यम समागम कार्यक्रम में उपस्थित संतो को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अहंकार कट्टरता पैदा करता है। लालच और स्वार्थ से किए गए कार्य कभी सफल नहीं होते। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे किसी भी तरह का विवाद पैदा न करें। कम कोई भी ऐसा काम न करें जो समाज विरोधी हो। हम सबको साथ लेकर एक महान देश बनाने में जुटे हैं।

जम्मू- कश्मीर के हालात के बारे में उन्होंने कहा कि आज कुछ ऐसे लोग जो पहले जम्मू कश्मीर को छोड़ चुके हैं वापस लौटना चाह रहे हैं लेकिन कुछ लोग उनका विरोध कर रहे हैं जो ठीक नहीं है। अपने घर लौटने का सबको अधिकार है, लोकतंत्र में सभी काम कानून की सहमति से होने चाहिए।

उन्होंने संतों से देश का नेतृत्व करने का आग्रह करते हुए कहा भागवत ने कहा कि संतों को समाज को एकजुट होकर आगे लेकर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है और अनुभवी व्यक्तियों के साथ तेजी से मजबूत भी हो रहा है। संघ को उन्होंने देश और समाज के लिए समर्पित बताया।

बाबा रामदेव ने कहा कि संत हमारी संस्कृति के प्राण हैं। संपूर्ण मानवता के पथ प्रदर्शक हैं। इनकी जीवन शैली से देश के करोड़ों नागरिक प्रेरणा और प्रकाश पाते हैं। उन्होंने कहा कि संत सम्मेलन में पांच दिन चला यह मंथन देश की इस महान परंपरा की रीति-नीति तय करेगा। उन्होंने कहा मोहन भागवत ने संघ के साथ-साथ संस्कृति की गरिमा को बढ़ाया है।
इससे पूर्व सरसंघचालक मोहन भागवत का पंतजलि में जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर पंतजलि योगपीठ की ओर से विदुषियो ने मंगल गीत गाकर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। मोहन भागवत के जन्म उत्सव पर पंतजलि योग पीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने महामंडलेश्वर गोविंद रामगिरी को 30 वैदिक विद्यालय चलाने के लिए सहयोग राशि के रूप में दी गई एक करोड का चेक मोहन भागवत के हाथ से दिलाया।

वहीँ सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने भाषण के दौरान कहा की अंग्रेजी तारीख के हिसाब से मेरा जन्मदिन आज है लेकिन तिथि के हिसाब से मैं लगभग 1 माह पूर्व अमावस्या के दिन मेरा जन्मदिन था। उन्होंने कहा की अमावस्या में भी ऐसी तारीख को पैदा हुआ था जो 27 साल में सिर्फ एक बार आती है। इसलिए मैं अभी तो केवल तीन साल का ही तो शिशु हूं।

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