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पाठ्यक्रमों का सृजन आवश्यकता के अनुरूप हो : राज्यपाल

- प्रीतम भरतवाण को मानद उपाधि एवं प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित
- 2256 उत्तीर्ण छात्रों को कुलाधिपति द्वारा प्रदान की गयीं उपाधियां
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

मुक्त विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह में सम्बोधन में कुलाधिपति श्रीमती मौर्य ने कहा कि दीक्षान्त समारोह विद्यार्थियो के जीवन का विशेष अवसर होता है। मै उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियो को हार्दिक बधाई देती हूं। उन्होने कहा कि दीक्षान्त आपकी जीवन यात्रा का महत्वपूर्ण पडाव है। भविष्य के जीवन की शुरूआत यही से होती है। यहां प्राप्त की गई हर उपलब्धि आगे की सफलताओ के लिए बहुमूल्य आधार है। मूझे विश्वास है कि आप सभी विद्यार्थी अपने उत्कृष्ट शिक्षा व आचरण से देश व समाज के लिए आदर्श स्थापित करेंगे। उन्होने कहा कि मुझे यह जानकर विशेष खुशी हुई है कि इस विश्वविद्यालय के 45 हजार विद्यार्थियों मे से बेटियों की संख्या लगभग 24 हजार है, जो कुल संख्या के पचास प्रतिशत से अधिक है। बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। यह देश के लिए शुभ लक्षण है। विश्वविद्यालय के 8 क्षेत्रीय केन्द्र तथा 246 अध्ययन केन्द्र है। विश्वविद्यालय कला विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन जैस पारम्परिक विषयों के साथ रोजगारपरक शिक्षा के कई पाठयक्रमों का भी संचालन कर रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि ऐसा ज्ञान जो समाज के साथ साझा न किया जाए वह अर्थहीन हो जाता है। समाज ने आपको जो अवसर दिया उसका उपयोग समाज की भलाई के लिए करना चाहिए। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा कुछ गांवों को गोद लेकर उनके शैक्षिक विकास पर विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। मुझे खुशी है कि इन गांवो की शैक्षिक उन्नति के लिए प्रयास हो रहा है। स्वच्छ भारत स्किल इंडिया डिजिटल इंडिया जैसे राष्ट्रीय उददेश्यों मे योगदान करने के लिए विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आगे आना होगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप अपनी पूरी ऊर्जा एवं क्षमता देश के विकास मे लगाएंगे।

श्री रावत ने कहा कि आगामी वर्ष से शिक्षक दिवस के अवसर पर उच्चशिक्षा के पांच प्रोफेसरो को भी उत्कृष्ठ कार्य के लिए डा0 भक्त दर्शन सिह की जयन्ती के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा। उन्होने कहा जल्द ही प्रदेश में पंडित नैन सिह की मूर्ति भी बनाई जायेगी। श्री रावत ने कहा कि हमारे प्रदेश मे कुमाऊनी एवं गढवाली भाषा विलुप्त की ओर है इसलिए सरकार जल्द ही उच्चशिक्षा में गढवाली एवं कुमाऊंनी अध्ययन केन्द्र खोलने जा रही है। उन्होने कहा प्रत्येक विश्वविद्यालय में संस्कृत, वेद एवं योग विषय अनिवार्य रूप से सरकार लागू करने जा रही है।

विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने समारोह में जागर लोक गायक प्रीतम सिह भरतवाण को मानद उपाधि एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम मे 2256 उत्तीर्ण छात्रों को कुलाधिपति द्वारा उपाधियां प्रदान की और उन्हे दीक्षा भी दी। इस गरिमामयी कार्यक्रम में प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री डा0 धनसिह रावत भी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे।

कार्यक्रम में विधायक राजेश शुक्ला, डा0 बहादुर सिह बिष्ट, डा0 भानु प्रकाश जोशी, तरूण बंसल, विजय मनराल, गोविन्द ताकुली, डा0 जेड ए वारसी, प्रकाश हरर्बोला, शान्ति भटट, बृजेश बनकोटी, डा0 शेर सिह मेहरा, मुकेश बोरा, जिला पंचायत सदस्य प्रकाश गरजौला, दिनेश खुल्वे, चन्द्र प्रकाश तिवारी, ललित बिनवाल, मनोज शर्मा के अलावा संयुक्त मजिस्टेट अभिषेक रूहेला, उपजिलाधिकारी एपी बाजपेयी सहित विश्वविद्यालय के छात्र,छात्रायें एवं प्रोफेसर उपस्थित थे। संचालन कुल सचिव प्रोफेसर भरत सिह द्वारा किया गया।