ठेकेदार ने कर डाला PWD का काम, इंजीनियरों पर होगी FIR

- ठेकेदार ने बिना विभागीय डिजाइन के ही पुल तैयार कर डाला
- ठेकेदार और अभियंताओं में मिली भगत की आशंका
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: देहरादून – मसूरी रोड में भारी अनियमितताओं और सरकारी पैसे की बंदरबांट के बाद लोकनिर्माण विभाग के अभियंताओं ने रायपुर-थानो मार्ग पर भी वह कारनामा कर दिखाया है जो लोकनिर्माण विभाग के इतिहास में शायद ही कभी हुआ होगा। लोकनिर्माण विभाग के पुराने अभियंताओं के अनुसार विभाग कभी भी किसी काम को शुरू करने से पहले उसका खाका तैयार करते हैं कि किस तरह से सड़क, पुल या भवन तैयार किया जाएगा , इसके लिए विभाग के पास ड्राफ्ट्समैन से लेकर अभियंताओं कई एक बड़ी फ़ौज होती है जो काम को शुरू किये जाने से पहले उसका डिजाइन तैयार कर उसकी लागत सहित उसकी भार क्षमता और उस निर्माण पर लगने वाली सामग्री तक की गुणवत्ता और किस गुणवत्ता का कितनी सामग्री को लगाना है तय करते हैं लेकिन भोपालपानी स्थित पुल के निर्माण में निलंबित अभियंताओं ने नियमों को ताक पर रख सबकुछ ठेकेदार के भरोसे छोड़ दिया यहाँ तक कि उसकी ड्राइंग तक ठेकेदार को बनाने को दे दी।
मामले में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है जब विभाग ने न तो पुल की ड्राइंग बनायी तो कैसे इस पुल का एस्टीमेट बन गया कि अमुक पुल पर कितना खर्च होगा और कैसे इस पुल का बिना एस्टीमेट के निविदाएं आमंत्रित की गयी और भी बहुत से सवाल खड़े हो गए हैं । लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि पुल बिना डिजाइन के ही बन कर तैयार कैसे हो गया ? जानकारों का कहना है कि इसमें तकनीकी मानकों का कहीं भी पालन नहीं किया गया। जांच रिपोर्ट में मिली इन खामियों के बाद शासन ने अधिशासी अभियंता समेत चार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। शासन अब इन्हें चार्जशीट सौंपने की तैयारी क्र रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले में मुकदमा भी दर्ज करने की भी तैयारी किये जाने की जानकारी भी सामने आयी है।
गौरतलब हो कि थानो रायपुर मार्ग पर भोपालपानी में बन रहे पुल के निर्माण को लेकर लंबे समय से शिकायत चल रही थी। शिकायत के बाद एक दिन अचानक निर्माणाधीन पुल की साइट पर जाकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वयं इसका मौका मुआयना कर जांच के निर्देश दिए थे। मामले में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि मामले की दो लोगों को सौंपी गई। तकनीकी जांच श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और डिजाइन की जांच पौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज को सौंपी गई । वहीं इस मामले में कुरुक्षेत्र इंजीनियरिंग कालेज से भी पूछताछ की गई है । इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि उन्होंने केवल पुल का बाहरी आवरण डिजाइन किया था न कि पुल के ढांचे का कोई डिजाइन बनाया ।
सबसे बड़ी और चौंकाने वाली बात तो यह है इस पुल को बनाने वाले ठेकेदार ने बिना डिजाइन के ही पुल तैयार कर दिया। एक जानकारी के अनुसार पुल की भार क्षमता भी मानकों से कहीं कम बताई जा रही है जो कभी भी ध्वस्त हो सकता है। सरकार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है अब शासन स्तर से इन अधिकारियों को चार्जशीट देने की तैयारी चल रही है। इस मामले में भारी अनियमितता को देखते हुए अभियंताओं सहित पुल के ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी तैयारी है।