Ex CM हरीश रावत ने मोदी की केदारनाथ में की गयी घोषणाओं पर कसे तंज
- मंदिरों का राजनीतिक प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल करने की नई पंरपरा शुरू
देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसते हुए कहा कि, मोदी जी ने केदारनाथ में मंदिरों का राजनीतिक प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल करने की नई पंरपरा शुरू कर दी है। इतना ही नही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर अपने तरकश से कई सियासी तीर भी छोड़े। रावत ने केदारनाथ में किए गए शिलान्यास कार्यों पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि जिन निर्माण कार्यों का प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया है, वो तो कांग्रेस सरकार में शुरू हो चुके थे।
अपनी फेसबुक वाल पर लिखी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि जिन निर्माण कार्यों का प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया है, वो तो कांग्रेस सरकार में शुरू हो चुके थे। रावत ने कहा कि मोदी ने केदारनाथ में मंदिरों का राजनीतिक प्लेटफार्म के रूप में इस्तेमाल करने की नई पंरपरा शुरू कर दी है। रावत ने निर्माण कार्यों पर भी प्रदेश सरकार की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि जिन पांच कार्यो का प्रधानमंत्री मोदी ने उल्लेख किया उनमें घाट बनाने का काम पहले से चल रहा है। जबकि बाढ़ सुरक्षा काम भी जारी हैं।
वहीँ इन्होने कहा कि शंकराचार्य जी की समाधि निर्माण की भूमिका तो कांग्रेस सरकार ने ही लिखी थी। ध्यान केंद्र का शिलान्यास मैंने खुद ने कर दिया था। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग का निर्माण भी लगातार चल रहा है। रावत ने सुझाव दिया कि यदि केदारपुरी से नीचे रामबाड़ा-सीतापुरी तक भूकटाव रोकने, भैरवबाबा मंदिर क्षेत्र पुर्निनिर्माण, गरुड़ चट्टी के विकास के लिए कुछ किया जाता तो वो जरूर कुछ नया होता। लेकिन मोदी जी ने तो केवल राजनीतिक बातें करके उत्तराखंडवासियों का मन बहला भर दिया है।