सुपरस्टार रजनीकांत पहुंचे ऋषिकेश एक झलक को तरसे प्रशंसक
- ब्रह्मलीन स्वामी दयानन्द की समाधि पर पूजा अर्चना कर किये श्रद्धा सुमन अर्पित
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी है ब्रह्मलीन स्वामी में आस्था
ऋषिकेश : सुपरस्टार रजनीकांत तमिलनाडु की राजनीति में कदम रखने से पहले अपने गुरु ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती के दयानंद आश्रम पहुंचे जहाँ उन्होंने ब्रह्मलीन स्वामी की समाधि पर पूजा अर्चना कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये । उल्लेखनीय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इससे पहले ब्रह्मलीन स्वामी के जीवित रहते हुए यहाँ आ चुके हैं । उनकी भी स्वामी दयानन्द सरस्वती में गहन आस्था रही है ।ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी आध्यात्मिक गुरु थे और दो वर्ष पूर्व स्वामी दयानंद ने शरीर त्यागा था।
गौरतलब हो कि सिनेस्टार रजनीकांत तमिलनाडु की जनता को ये पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि वो राजनीति में नाम या पैसा कमाने के कारण नहीं आ रहे हैं, बल्कि उनका राजनीति में आने का उद्देश जनसेवा और लोक कल्याण है। हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ के ऐतिहासिक शिव मंदिर में माथा भी टेका वहीँ रजनीकांत ने जम्मू संभाग के रियासी जिले में स्थित प्रसिद्ध शिवखोड़ी गुफा के दर्शन करने के बाद रविवार शाम करीब पांच बजे रजनीकांत रियासी पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने चार किलोमीटर की लंबी चढ़ाई घोड़े से तय की। वहीँ विभिन्न इलाकों की सैर करने के बाद उन्होंने उत्तराखंड की तरफ रुख किया है वे यहाँ तीन दिन रुकेंगे ।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में बॉलीवुड सुपर स्टार ने कहा कि वह पहले अभिनेता हैं और अभी तक फुल टाइम पॉलिटिशियन नहीं बने है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल बनाने की सोच रहा हूं, लेकिन अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है। पार्टी के एजेंडे को लेकर समर्थकों संग मंथन किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह यहां पर आध्यात्मिक शांति के लिए आए हैं। इसका राजनीति निहितार्थ नहीं निकाला जाए। इससे पहले भी आश्रम में ब्रह्मलीन गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती से आशीर्वाद लेने को आता रहा हूं। यहां आने का मुख्य उद्देश्य अध्यात्म से स्वंय को आत्मसात करने का है। इससे मन को शांति मिलती है। इस अवसर पर स्वामी दयानंद आश्रम के अध्यक्ष स्वामी शुद्धानंद महाराज, आचार्य शांता आत्मानंद महाराज, स्वामी परमानंद, स्वामी परिपुष्टानंद, ब्रह्मचारी नीरज, गुणानंद रयाल आदि मौजूद रहे।
मंगलवार अपराह्न सिने अभिनेता रजनीकांत अपने आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन संत स्वामी दयानंद सरस्वती महाराज के आश्रम पहुंचे। जहाँ उन्होंने पहुँचते ही अपने गुरु की समाधि पर जाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाएं और आरती की। यहाँ यह भी विदित हो कि सुपर स्टार रजनीकांत स्वामी दयानंद आश्रम ट्रस्ट के पिछले 20 वर्षों से ट्रस्टी हैं। आश्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी शुद्धानंद महाराज ने उनका ऋषिकेश गंगातट स्थित आश्रम में पहुँचने पर स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने वहां उपस्थित लोगों और अपने समर्थकों से कहा कि उनकी यहाँ गुरु धाम की यह यात्रा पूरी तरह आध्यात्मिक है और वह राजनीति में आने से पहले कुछ दिन यहां गंगा के तट पर बिताना चाहते हैं। यहाँ उन्होंने कहा कि फिलहाल में आध्यात्मिक यात्रा पर हूं इसलिए राजनीति पर कोई बात नहीं करना चाहूंगा। लेकिन जल्द राजनीति से जुड़े हर सवालों का जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने भारत के सभी शिव मंदिरों में जाने का निश्चय किया है। जिस कारण मैं लगातर यात्रा पर हूं।
इससे पहले जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उनका दीदार करने उनके प्रशंसकों की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी थी । लेकिन एअरपोर्ट अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों ने सुपरस्टार रजनीकांत को बहुत ही गोपनीय ढंग से एअरपोर्ट के दूसरे वीआइपी गेट से बाहर निकला । जहाँ से वे कारों के काफिले के साथ पुलिस सुरक्षा में ऋषिकेश की ओर रवाना हुए। उनके एअरपोर्ट से अचानक बाहर निकलने की सूचना पर एयरपोर्ट पर मौजूद उनके प्रशंसकों को निराशा हाथ लगी और वे उनका दीदार किये बिना अपने घरों को लौट गए जिनमें से कुछ ने तो ऋषिकेश स्थित दयानंद आश्रम का रुख भी किया लेकिन वहां भी कड़ी सुरक्षा के चलते उन्हें मायूस होना पड़ा।
दयानंद आश्रम के प्रबंधक गुणानंद रयाल ने बताया कि रजनीकांत तीन दिन तक यहां पर रहेंगे। इस दौरान आश्रम में होने वाली सत्संग और अन्य गतिविधियों में भी शामिल होंगे। बताया कि वह अकेले यहां पर आए हैं। उनके साथ परिवार का कोई सदस्य नहीं है। 16 मार्च को वह अल्मोड़ा, कुमाऊं के दूनागिरी क्षेत्र में स्थित एक आश्रम में जाएंगे।