UTTARAKHAND

जमीन कब्जा करने वाले का ही हो गया स्टिंग

  • केंद्र से मिली सुरक्षा का दुरुपयोग 
  • डराने धमकाने में हो रहा सुरक्षा कर्मियों का इस्तेमाल

देहरादून : किसी की जमीन पर कब्जे को लेकर एक कब्ज़ा करने वाले का ही स्टिंग हो गया। 31 सेकिंड का वायरल हुआ यह विडियो राजधानी में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा सरे आम है कि यह कब्जा करने वाला केंद्रीय सुरक्षा बलों की आड़ में कमजोर भू -स्वामियों को धमकाकर उनकी बेशकीमती जमीनों पर कब्जा करता रहा है। ताज़ा यह चर्चित मामला भले ही अखबारों की सुर्खियाँ न बन पाया हो लेकिन प्रधानमंत्री दरबार से लेकर मुख्यमन्त्री और डीजीपी रतूड़ी की टेबल पर तक पहुंच गया है। राजपुर रोड की यह जमीन उत्तर प्रदेश के एक रिटायर्ड अधिकारी की बताई जाती है। जमीन पर कुछ समय से विवाद चल रहा था। लेकिन जबरन ताजा कब्जे की घटना ने इसे एक बार फिर कब्जा करने वाले को सुरक्षा बलों की मौजूदगी में कब्जे करने की घटना ने सुर्ख़ियों में ला दिया है। मामला भले ही किन्ही कारणों से  राजपुर पुलिस दबाने में जुटी है लेकिन मामले में लिप्त कब्जा करने वाले की दबंगई  चर्चा का विषय बनी हुई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य के अस्तित्व में आने के बाद उत्तराखंड में इस तरह के कई लोग कथित पत्रकारों और ठेकेदारों का चोला पहनकर राज्य के सीधे -साधे लोगों के बीच घुल मिल गए और बाद में इन लोगों ने अपना असली चेहरा दिखाना शुरू कर दिया। वर्ष  2000 के बाद फटे हाल उत्तराखंड आये ऐसे तमाम लोग विवादित जमीनों पर कब्जा करते-करते और स्टिंग का खेल खेलते – खेलते सामान्य से भी कम आय होने के बावजूद अब करोड़पति बन गये हैं। इस तरह के कई लोगों का साथ यहाँ के कमजोर और मौकापरस्त नेताओं और अधिकारियों ने भी खूब दिया जिनकी छत्र -छाया में पलते-बढ़ते ऐसे लोग बड़े -बड़े भू-माफिया तक बन बैठे हैं। ऐसे कई लोग यहाँ जिनके पास सामान्य भी कमाई  का जरिया नहीं था उनको नेताओं और अधिकारियों ने सुरक्षा का ख़तरा बताते हुए सुरक्षा कर्मी तक मुहैया करवा दिए इसके बाद नेताओं और इन माफियाओं के गठजोड़ ने उत्तराखंड की बेशकीमती जमीनों पर नज़रें गढानी शुरू कर दी और फिर शुरू हो गया जमीनों को कब्जाने का खेल।सूत्र तो यहाँ तक बताते  कि देहरादून सहित उत्तराखंड की तराई वाले भू-भाग में सूबे के आस-पास के अन्य राज्यों के तमाम अपराधी तक क्षद्म नामों से रह रहे हैं और अब सूबे में आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो चले हैं ,इनकी  तरह की गतिविधियों की ऐसा नहीं कि राज्य की पुलिस को जानकारी नहीं है लेकिन इनका पुलिस,अधिकारियों और नेताओं  के साथ गठजोड़ इतना मजबूत हो गया है कि कोई भी इनके खिलाफ कार्रवाही  तो दूर मुंह तक खोलने को तैयार नहीं है। 

ताज़े मामले में उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून में यह कब्जाधारक अपने सुरक्षा कर्मियों की आड़ में जमीन कब्जाने की घटना में इस बार कैमरे में कैद हो गया है । कब्जे की घटना का वीडियो  सोशल मीडिया में वायरल होते ही सनसनी मच गयी है। पीड़ित ने मामले की तहरीर राजपुर थाने में दी है। लेकिन पुलिस ने अभी तक अवैध कब्जेधारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इस प्रकरण में पुलिस कब्ज़ा करने वालों  के साथ खड़ी नजर आ रही है। इस पूरे मामले में पुलिस की मिलीभगत बताई जा रही है। वहीँ दूसरी तरफ राजपुर पुलिस का कहना है कि जमीन विवादित है लेकिन लोगों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि जब  वह जमीन विवादित है तो कोई इस पर कोई कैसे कब्जा कर सकता इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है।

वीडियो में कब्जा करने वाला साफ साफ पीड़ित पक्ष को हड़काता दिख रहा है। पुलिस भी बगल में हाथ बांधे चुपचाप खड़ी है और तमाशबीन बनी हुई है। काफी लोग आस पास इकट्ठा हो रखे है। कब्जा करने की कोशिश करने वाला  पीड़ित पक्ष को कह रहा है कि पहले तय कर लो कि प्लाट किसका है और फिर बाहर निकलने को कह रहा है। पीड़ित पक्ष् भी उसको जमीन के कागज दिखाने को कह रहा है। इस पर ये भी उनको प्लाट से बाहर निकलने को कह रहा है।

खबर तो यह भी है कि जमीन कब्जा करने की कोशिश करने वाले ने पीड़ित पक्ष के एक व्यक्ति को थप्पड़ भी मारा। जिससे माहौल काफी तनावपूर्ण भी हो गया। मामला इतना गर्म है कि कभी भी कोई भयंकर हादसा हो सकता है। वीडियो में प्लाट के आस पास लोगों का मजमा भी लगा है।

यह घटना कुछ दिन पहले की राजपुर रोड के  पुरुकुल मोड़ पर कब्जे की बताई जा रही है। खबर तो यह भी है कि कब्जा करने वाले ने पीडित को डरा धमका कर जमीन पर कब्जा कर लिया है । इसी दौरान किसी ने घटनाक्रम का वीडियो भी बना डाला। इस मामले के उछलते ही मीडिया और सत्ता के गलियारों में भूचाल आ गया और लोग पुलिस की कार्यशैली पर उंगलियाँ उठाने लगे हैं।

बताया जाता है कि पीड़ित पक्ष पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहा है लेकिन ऊपर तक मिलीभगत होने के कारण सब खामोश बैठे हैं। बताया जाता है कि कुछ दिन पहले राजपुर रोड पर इसी कब्ज़ा करने वाले ने अपने ऊपर  हमले का मामला भी दर्ज कराया था और तब एक अखबार ने इस हमले की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर सभी को हैरत में डाल दिया था। वहीँ यहां ताज्जुब की बात यह भी है कि कब्ज़ा करने वाले पर हमले की खबर छपने वाले अखबार ने ही कब्जे को लेकर कब्जा करने वाले की गुंडागर्दी की खबर को इग्नोर कर दिया।और एक लाइन भी इस मामले में प्रकाशित नहीं की इससे भी साफ़ होता है कि कुछ मीडिया वाले भी इसकी जेब में बैठे हैं।

[mom_video type=”youtube” id=”B4rFpDSy9fo” width=”600″ height=”400″]

 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »