Agitators : राज्य आंदोलनकारियों का सरकार के खिलाफ धरना
- 126दिन आंदोलन,लेकिन अभी तक शासन प्रशासन ने नहीं ली सुध
देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मंच ने अपनी सात सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए अपने आंदोलन को जारी रखते हुए कहा है कि सरकार आंदोलनकारियों के हितों के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रही है जिसके लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। वहीं वह सरकार की जन विरोधी नीतियों से नाराज दिखाई दे रहे है। उनका कहना है कि अभी तक 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण नहीं मिल पाया है जो चिंता का विषय है।
यहां मंच से जुडे हुए आंदोलनकारी कचहरी स्थित शहीद स्थल में इकटठा हुए और वहां पर उन्होंने अपनी सात सूत्रीय मांगों के समाधान के लिए प्रदर्शन कर धरना दिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि समूचे उत्तराखंड को आरक्षित किया जाये और मुजफ्फरनगर रामपुर तिराहे के दोषियों को फांसी दिये जाने की मांग की गई है लेकिन अभी तक इस ओर किसी भी प्रकार की कोई नीति तैयार नहीं की गई है। उनका कहना है कि आज आंदोलन को 126दिन हो गये है लेकिन किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है जो चिंता का विषय है।
वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा आंदोलनकारियों को शीघ्र ही प्रदान किया जाना चाहिए और सेनानियों के आश्रितों को रोजगार में समायोजित किये जाने तथा समीवर्ती जिलों से पलायन पर पूर्ण रूप से रोक लगाये जाने और आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को शीघ्र ही प्रदान किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि लगातार आंदोलनकारियों के हितों के लिए संघर्ष किया जा रहा है लेकिन प्रदेश सरकार इस ओर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है।
उनका कहना है कि लगातार आंदोलनकारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है और उनके हितों के लिए किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है। उनका कहना है कि शीघ्र ही आंदोलनकारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो सचिवालय कूच किया जायेगा और इसके लिए रणनीति तैयार की जायेगी। उनका कहना है कि आंदोलनकारियों को शीघ्र ही चिन्हित किया जाये और छूटे हुए आंदोलनकारियों को शीघ्र ही दर्जा दिये जाने की आवश्यकता है इसके लिए शासन व प्रशासन को शीघ्र ही हल निकालना होगा। उनका कहना है कि शीघ्र ही कार्यवाही न होने पर आंदोलन को तेज किया जायेगा। उनका कहना है कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन को तेज किया जायेगा।
उनका कहना है कि अब सरकार के खिलाफ आर पार का आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। उनका कहना है कि 126दिन आंदोलन करते हुए हो गये है लेकिन अभी तक शासन प्रशासन की ओर से किसी भी प्रकार की कोई सुध नहीं ली गई है।
इस अवसर पर धरने व प्रदर्शन में अध्यक्ष नंदा बल्लभ पांडेय, विनोद असवाल, प्रेम सिंह नेगी, विश्म्बरी रावत, पुष्पा रावत, हिमानंद बहुखंडी, सुनील जुयाल, सत्येन्द्र नौगांई, वीर सिंह, एम एस रावत, जानकी भंडारी, मनोहरी रावत, प्रभा वोरा, कमला थापा, फूला रावत, संध्या रावत, रेखा पंवार, विमला रावत, जगदम्बा नैथानी, विमला पंवार, नीमा हरबोला, काति काला, तारा पांडेय, राम प्यारी, आरती ध्यानी, सैमर सिंह नेगी, सुशीला भटट, जयंती पटवाल, राधा तिवारी, पुष्पा नेगी, बना रावत, कीर्ति रावत, गोदाम्बरी भटट, प्रभात डंडरियाल, सरोज थपलियाल, एम एस भंडारी, विरेन्द्र कुकशाल, पुष्पा राणा, सुधा रावत सहित अनेक आंदोलन कारी मौजूद थे।