कहीं सरकार को शीर्षासन करवाने के मूड में तो नहीं सतपाल महाराज !
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को कहीं उनके ही कैबिनेट के मंत्री सतपाल महाराज शीर्षासन करने के मूड में तो नहीं है। पिछले दिनों से घटित आ रही घटनाओं के बाद तो यही लगता है की सतपाल महाराज सरकार के मुखिया से काफी खफा खफा चल रहे हैं और शायद यही कारण है कि अपनी ढपली अपना राग बजाकर सतपाल महाराज देहरादून से विश्व योग दिवस के अवसर पर राजधानी देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से दूर -दूर रहे।
विश्व योग दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार की तरफ से देहरादून के परेड मैदान में योग शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विशिष्ठ अतिथि के तौर पर बाकायदा सतपाल महाराज को शिरकत करनी थी पर्यटन मंत्री के लिहाज से महाराज का इस शिविर में पहुंचना महत्वपूर्ण तो माना ही जा रहा था । लेकिन सतपाल महाराज राज्य सरकार द्वारा आयोजित के इस योग शिविर से काफी दूर रहे सतपाल महाराज ना तो शिविर में पहुंचे और ना ही मंच से उनका एक बार भी जिक्र ही हुआ ।
योग शिविर स्थल पर बड़े-बड़े बैनर में सतपाल महाराज का नाम तो था लेकिन महाराज परेड ग्राउंड से गायब थे ऐसा पहली बार नहीं है कि सरकार के किसी कार्यक्रम से सतपाल महाराज नदारद रहे हो इससे पहले भी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज कई कैबिनेट बैठकों से गायब रहे हैं। राजनैतिक गलियारों में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि पिछले दिनों चमोली जिले के दो कार्यक्रमों में चॉपर न उतारने की घटना को लेकर सतपाल महाराज अभी तक सरकार से नाराज चल रहे हैं ।
दरसल महाराज को जिन -जिन जगहों के कार्यक्रमों में शिरकत करना था, उस जगह पर ना पहुंचाकर पायलट ने उन्हें ऐन मौके पर कार्यक्रम स्थलों से पहले ही उतार दिया था। इस घटना की शिकायत सतपाल महाराज ने सरकार के मुखिया को पत्र लिखकर भी कही थी और इस पर तत्काल कार्यवाही करने के लिए भी आग्रह भी किया था। बावजूद इसके सीएम ने इस पत्र पर ध्यान नहीं दिया । विश्व योग दिवस पर सतपाल महाराज भले देहरादून ना पहुंचे हो लेकिन वह अपने प्रेमनगर आश्रम हरिद्वार में योग शिविर में जरूर दिखाई दिए। जानकार मान रहे हैं कि कहीं सतपाल महाराज आने वाले दिनों में सरकार को शीर्ष आसन करवाते हुए दिखाई ना दें इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।