UTTARAKHAND

उत्तराखंड का जवान आतंकियों की टोह लेते हुए हुआ शहीद

20 साल तक सेना में अदम्य साहस के साथ सेवा देते हुए 37 वर्ष की आयु में देश के लिए किए अपने प्राण न्यौछावर

2012 में  एवरेस्ट फतह करने के साथ ही नंदादेवी शिखर और छोटे कैलाश पर भी पा चुका था विजय शहीद 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवारजनों के साथ

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
हल्द्वानी : सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू ने 20 साल तक सेना में अदम्य साहस के साथ सेवा देते हुए 37 वर्ष की आयु में देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। वह अपने पीछे बेटे यश (07 साल ) और 05 साल की बेटी साक्षी, पत्नी, मां महेश्वरी देवी, बड़े भाई चंद्र प्रकाश पनेरू, छोटे भाई भुवन और भाभी सहित भतीजे -भतीजी आदि को छोड़ गए हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 6 कुमाऊँ रेजीमेंट के हल्द्वानी निवासी सूबेदार श्री यमुना प्रसाद पनेरू की जम्मू-कश्मीर में  ड्यूटी का निर्वहन के दौरान शहादत को नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद के परिवार जनों के साथ है। सूबेदार श्री यमुना प्रसाद पनेरू जम्मू-कश्मीर मे गुरूवार रात्रि पेट्रोलिंग करते हुए शहीद हो गए थे।
ओखलकांडा ब्लाक के पदमपुर मीडार निवासी और वर्तमान में हल्द्वानी के गोरापड़ाव निवासी युमना प्रसाद पनेरू की बृहस्पतिवार रात कुपवाड़ा में शहीद होने की सूचना सेना से मिली है। जानकारी के मुताबिक यहां बर्फ से ढकी चोटियों पर आतंकवादियों की टोह लेने गए अपनी टीम को रेस्क्यू करते वक्त उनका पैर फिसला, वह खाई में गिर गए और शहीद हो गए।
पदमपुर मीडार के तोक गालपाधूरा में बीता। आठवीं तक की पढ़ाई उच्च प्राथमिक विद्यालय मीडार से करने के बाद 9वीं और दसवीं की पढ़ाई एसएमएसडी स्कूल कनखल हरिद्वार से हुई। इंटरमीडिएट की परीक्षा हरिराम इंटर कॉलेज से पास करने के बाद डीएवी देहरादून में बीएससी में दाखिला लिया।
बीएससी प्रथम वर्ष करने के दौरान का चयन भारतीय सेना के लिए हो गया। भाई भुवन पनेरू ने 2012 में यमुना प्रसाद परगांई द्वारा एवरेस्ट फतह करने की जानकारी भी दी। साथ ही उन्होंने नंदादेवी शिखर और छोटे कैलाश को भी छुआ था। माउंटेनिंग सिखाने के लिए वे कुछ समय दार्जिलिंग में भी रहे।

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