झटका! 1 अप्रैल से बुखार उतारना भी होगा महंगा! उत्तराखंड के आमजन की जेब पर महंगाई का बोझ..
Shock! From April 1, getting rid of fever will also be expensive! The burden of inflation on the pockets of the common man of Uttarakhand..
नई दिल्ली/उत्तराखंड: 1 अप्रैल से महंगाई का एक और झटका लोगों को लगने वाला है। नया वित्तीय वर्ष उत्तराखंड के आमजन की जेब पर महंगाई का बोझ लेकर आ रहा है। बिजली एवं पानी की दरों में बढ़ोतरी के साथ ही शनिवार से राष्ट्रीय राजमार्ग पर सफर भी महंगा होगा।
हालांकि, टोल शुल्क बढ़ने का असर राज्य परिवहन निगम की बसों के किराये पर एक हफ्ते तक नहीं पड़ेगा, लेकिन टोल से गुजरने वाले वाहनों को अधिक शुल्क जरूर चुकाना पड़ेगा। यानी, कुल मिलाकर महंगाई की मार जनता को झेलनी पड़ेगी। वहीं, प्रदेश में वाहनों की नई स्क्रैप पालिसी लागू होने से विभिन्न सरकारी विभागों के 15 वर्ष से अधिक पुराने 5534 वाहन चलन से बाहर कर दिए जाएंगे।
आज से महंगी बिजली का झटका
उत्तराखंड में आज से बिजली की बढ़ी हुई दरें लागू हो जाएंगी। अब तक चल रही विद्युत दरों में 1.79 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। जबकि, बीते वर्ष की तुलना में बिजली के दाम कुल 9.64 प्रतिशत बढ़ गए हैं। इस बार केवल घरेलू श्रेणी में 3.44 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई है, जबकि, बीपीएल और स्नोबाउंड उपभोक्ताओं को भी अब 10 पैसे प्रति यूनिट अधिक देने होंगे। हालांकि, बड़े उद्योगों को नए टैरिफ में फौरी राहत दी गई है। बीपीएल उपभोक्ताओं को जहां 1.65 रुपये प्रति यूनिट के स्थान पर अब 1.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। जबकि, अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 2.95 की जगह 3.15 रुपये प्रति यूनिट और 200 यूनिट तक 4.40 की जगह 4.60 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा।
आज से प्यास बुझाना 15 प्रतिशत तक महंगा
एक अप्रैल से उत्तराखंडवासियों के लिए हलक तर करना भी महंगा हो गया है। पानी के बिल में नौ से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है। इस लिहाज से अब आपका पानी का बिल 50 से 100 रुपये त्रैमासिक तक बढ़कर आ सकता है। शासन की व्यवस्था के तहत हर साल एक अप्रैल से पानी के बिल में वृद्धि हो जाती है। शहरी क्षेत्रों में पानी का बिल हाउस टैक्स के आधार पर तय किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में पानी के बिल में हर वर्ष 11 प्रतिशत के करीब बढ़ोतरी होती है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में घर में लगे नलों की संख्या के आधार पर बिल और उसमें बढ़ोतरी का निर्धारण किया जाता है। घर में दो नल होने पर बिल में नौ प्रतिशत और दो से अधिक नल होने पर 11 प्रतिशत और कमर्शियल कनेक्शन पर 15 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाती है। जल संस्थान की ओर से हर तीन माह में पानी के बिल जारी किए जाते हैं।
डोर-टू-डोर सफाई का यूजर चार्ज बढ़ा
आज से दून शहर में डोर-टू-डोर सफाई के यूजर चार्ज की दरों में बढ़ोतरी हो जाएगी। नगर निगम की ओर से बीपीएल को छोड़कर अन्य परिवारों के लिए यूजर चार्ज 50 रुपये के बजाय अब 70 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। हाउसिंग सोसायटी के लिए दर 40 फ्लैट तक दो हजार रुपये, 41 से 100 फ्लैट तक पांच हजार रुपये, 100 फ्लैट से ज्यादा फ्लैट पर दस हजार रुपये प्रतिमाह यूजर चार्ज किया गया है। छात्रावास वाले शिक्षण संस्थाओं को अब दो हजार रुपये प्रतिमाह शुल्क देना होगा। वहीं, भवन कर जमा नहीं करने वालों को नए वित्तीय वर्ष में छूट का लाभ नहीं मिलेगा और पिछले वर्ष के लंबित भुगतान पर जुर्माना देना पड़ेगा। नगर निगम में वित्तीय वर्ष 2023-24 का भवन कर समय से जमा करने पर संबंधित व्यक्ति को 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही बकायेदारों पर प्रतिवर्ष 12 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
लच्छीवाला टोल पर कार के 100 रुपये
देहरादून-हरिद्वार राजमार्ग पर पड़ने वाले लच्छीवाला टोल प्लाजा पर सभी वाहनों का टोल शुल्क आज से बढ़ जाएगा। शनिवार से निजी कार का टोल 100 रुपये देने पड़ेगा, जो पहले 95 रुपये था। हल्के व्यावसायिक वाहनों का टोल 155 रुपये के बजाय 165 रुपये जबकि भारी वाहन का टोल 510 के बजाए 535 रुपये होगा। 24 घंटे के भीतर वापसी में कार का टोल 150 रुपये, हल्के व्यावसायिक वाहनों का टोल 245 रुपये होगा। बढ़ी हुई दरों में पिछले वर्ष के मुकाबले तीन से छह प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। वहीं, टोल प्लाजा के नियमों के अनुसार, स्थानीय डोईवाला वासियों के लिए पूर्व की भांति इस वर्ष भी निश्शुल्क पास की व्यवस्था जारी रहेगी। 20 किमी के दायरे में आने वाले निजी वाहनों के लिए मासिक पास की व्यवस्था मामूली वृद्धि के साथ 315 रुपये से बढ़ाकर 330 रुपये प्रतिमाह की गई है। व्यावसायिक हल्के वाहनों के लिए मासिक पास 3210 रुपये के बजाय अब 3375 रुपये में बनेगा।
अभी नहीं बढ़ेगा रोडवेज का किराया
टोल शुल्क में बढ़ोतरी के बावजूद अभी उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों का किराया नहीं बढ़ेगा। परिवहन निगम प्रबंधन के अनुसार, निगम की बसों का किराया पहले ही राउंड फिगर में चलता है। यानी, अगर 27 रुपये किराया होगा तो निगम 25 रुपये किराया लेता है और 28 रुपये किराया हो तो यात्री से 30 रुपये लिए जाते हैं।
ऐसे में टोल का शुल्क बढ़ने से किराये में फिलहाल वृद्धि नहीं होगी। अगले एक हफ्ते तक टोल की दरों का आकलन किया जाएगा। दिल्ली, चंडीगढ़, अंबाला, लखनऊ, कानपुर, हल्द्वानी, जयपुर आदि मार्गों पर टोल प्लाजा अधिक हैं। ऐसे में इन मार्गों की बसों में किराये में वृद्धि की जा सकती है।
सरकारी विभागों के 5534 वाहन कबाड़
प्रदेश में एक अप्रैल से वाहनों की नई स्क्रैप पालिसी लागू होने से सरकारी विभागों के 15 वर्ष पुराने वाहन चलन से बाहर हो जाएंगे। इसकी जद में 5534 वाहन आ रहे हैं। स्क्रैप पालिसी के तहत नए वाहन खरीदने में केंद्र सरकार राज्य को आर्थिक मदद देगी। हालांकि, अभी निजी वाहनों को इस दायरे में नहीं लिया गया है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में स्क्रैप नीति लागू की थी। इसका उद्देश्य अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से संचालन से बाहर करना है। प्रदेश में अभी तक 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहनों को नीलाम करने की व्यवस्था है।
इसके बाद खरीदार इन वाहनों को दुरुस्त कर नए सिरे से पांच साल के लिए पंजीकरण कर इनका संचालन करने लगते हैं। परिवहन विभाग के आकलन के मुताबिक, प्रदेश में तकरीबन हर साल करीब 300 सरकारी वाहन 15 साल की आयु पूरी करते हैं।
झटका! 1 अप्रैल से बुखार उतारना भी होगा महंगा…
नई दिल्ली: देश में 1 अप्रैल से महंगाई का एक और झटका लोगों को लगने वाला है। लोगों को अब कई जरूरी दवाओं (Essential Medicines Price Hike) के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। एक अप्रैल से पेनकिलर्स से लेकर एंटीबायोटिक समेत कई जरूरी दवाओं की कीमत बढ़ने (Medicines Price Hike) वाली है।
बता दें कि जरूरी दवाओं की कीमतों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी तय की गई है। पेन किलर, एंटी इंफेक्शन और दिल की बीमारियों की दवाइयों से लेकर एंटीबायोटिक्स दवाओं की कीमतें उनमें शामिल हैं जिनकी कीमतें 1 अप्रैल से बढ़ने जा रही है। सरकार ने दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में बदलाव के अनुरूप दवा की कीमतें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। जिन दवाइयों की कीमतें बढ़ेंगी, उनमें पैरासिटामोल भी शामिल है, जिसका सामान्य बुखार और दर्द में इस्तेमाल होता है।
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900 दवाओं के बढ़ सकते हैं दाम
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार पेनकिलर्स, एंटी-इन्फेक्टिव्स, एंटीबायोटिक्स और दिल की दवाओं सहित लगभग 900 दवाओं की कीमत 12 प्रतिशत से ज्यादा तक बढ़ सकती है। मालूम हो कि यह लगातार दूसरा साल है जब अनुसूचित दवाओं की कीमतों में वृद्धि गैर-अनुसूचित (Non-Scheduled Drugs) दवाओं की तुलना में अधिक होगी। अनुसूचित दवाएं आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची का हिस्सा हैं।
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दाम बढ़ाने के क्या हैं नियम..?
गौरतलब है कि दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) को हर साल 1 अप्रैल या उससे पहले पिछले कैलेंडर वर्ष के एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) के मुताबिक अनुसूचित दवाओं की कीमत को संशोधित या बढ़ाने की अनुमति है।
कीमत को संशोधित करने और बढ़ाने को लेकर अनुसूचित ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के क्लॉज 16 में नियम बना हुआ है। इसी नियम के तहत NPPA हर साल दवाओं की कीमतों में संशोधन करता है और नई कीमतें 1 अप्रैल से लागू की जाती है।