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मोदी के केसरिया रंग ने ‘स-ब-का’ उतारा रंग

उत्तराखंड तथा  गोवा  दोनों  मुख्यमंत्री हारे

उत्तराखंड में दोनों ही पार्टियों केअध्यक्षों को देखना पड़ा हार का मुंह 

देहरादून  :  मोदी की सुनामी ने उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक समाजवादी ,बसपा और कांग्रेस (स +ब +का) का रंग उड़ा डाला। भाजपा की आंधी में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण दोनों सीटों से हार गए हैं। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर उन्हें भाजपा के यतीश्वरानंद ने जबकि किच्छा सीट पर भाजपा के ही राजेश शुक्ला ने महज 92 वोटों से पराजित किया। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत से हार गए। वहीं, गोवा में मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर सहित छह मंत्री चुनाव हार गए हैं। यहां सिर्फ दो मंत्रियों को जीत नसीब हुई। मैंडरेम सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार दयानंद सोप्ते ने पार्सेकर को 7000 वोटों से हराया।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा का स्कोर भले ही 2-3 का ही रहा लेकिन सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पार्टी ने अप्रत्याशित और अभूतपूर्व बहुमत हासिल किया है। मोदी मैजिक और अमित शाह की सोशल इंजीनियरिंग ने साबित कर दिया कि अब जाति-धर्म का वोट बैंक नहीं, विकास कार्य मायने रखता है। यही वजह रही कि मुस्लिम क्षेत्रों में भी प्रचंड मोदी मत ने ‘सबका’(सपा-बसपा-कांग्रेस) वर्चस्व तोड़ दिया और प्रदेश के 31 जिलों में ‘सबका’ सूपड़ा साफ कर दिया। यूपी में 311 सीटें (सहयोगी दलों को मिलाकर 325) जीतकर भाजपा राष्ट्रपति चुनाव और राज्यसभा में अटके कुछ अहम बिल की तरफ बुलंद हौसले के साथ कदम बढ़ाएगी।

इन दो राज्यों में मिली ऐतिहासिक जीत ने पार्टी के गोवा और पंजाब में बुरे प्रदर्शन की टीस को कम कर दिया है। इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें सवा सौ करोड़ आबादी पर भरोसा है। जीत के लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और मतदाताओं का आभार जताया। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के जादू ने उत्तराखंड की सत्ता गंवाने के पार्टी के गम को कम किया है। मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी की पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीदों पर झाड़ू फेर दिया है। पांच में से तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में जहां मतदाताओं ने स्पष्ट जनादेश दिया है, वहीं गोवा और मणिपुर में त्रिशंकु विधानसभा के पक्ष में फैसला सुना कर मतदाताओं ने किसी एक पार्टी पर विश्वास नही किया।

भाजपा को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चमत्कारी जीत हासिल हुई है। यूपी में इस बार राम लहर से भी बड़ी साबित हुई मोदी लहर में सपा को अपनी सत्ता तो बसपा को अपनी साख गंवानी पड़ी है। भाजपा वर्ष 2014 में मिले मत को बरकरार रखने में भी कामयाब रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी और उसके सहयोगी को 337 सीटों पर बढ़त हासिल थी। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 324 सीटें हासिल की है। सपा को 55 तो बसपा को महज 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।

इसी प्रकार 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा ने 57 सीटें हासिल कर कांग्रेस को करारा झटका दिया है। पंजाब में कांग्रेस ने आप के साथ-साथ सत्तारूढ़ भाजपा-शिअद गठबंधन को करारा झटका दिया है। चुनाव नतीजों ने आप के किसी पूर्ण राज्य में सत्ता हासिल करने और भाजपा-शिअद गठबंधन का सत्ता बचाने का सपना चकनाचूर कर दिया है। खुद को नंबर एक पार्टी मान कर चल रहे आप को महज 20 तो शिअद-भाजपा गठबंधन को महज 18 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।

गोवा के नतीजे सत्तारूढ़ भाजपा के लिए झटका साबित हुए हैं। 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस 17 सीटें हासिल कर सरकार बनाने की स्थिति में है। यहां सारा दारोमदार अब 10 सीटें जीतने वाले अन्य दलों और निर्दलीय विधायकों के रुख पर है। मणिपुर में सत्तारूढ़ कांग्रेस बहुमत से दूर रह गई है। हालांकि पार्टी यहां सबसे बड़े दल के रूप में उभरने में सफलता हासिल की है।
अखिलेश और हरीश रावत हार स्वीकार करते हुए सौंपा इस्तीफा
उत्तराखंड में हरीश रावत ने हार स्वीकार करते हुए राज्यपाक डॉ. के.के. पॉल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने  कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते  हुए कहा कि वो दुखी हैं कि पार्टी के विश्वास को कायम नहीं रख सके। उन्होंने कहा कि आपदा के जख्म हल्के करने के लिए ही मैं उत्तराखंड का सीएम बना था। उन्होंने कहा कि साथ देने के लिए मैं उत्तराखंड की जनता का धन्यवाद करता हूं। 

हरीश रावत ने कहा कि जिस अपेक्षा से मुझे जिम्मेदारी सौंपी गई। मैं उससे आज मुक्त हो गया हूं। उन्होंने कहा कि मैं अपने कार्यकाल से संतुष्ट हूं। हमारी सरकार ने उत्तराखंड में बहुत अच्छा काम किया। कहा कि मैंने व्‍यक्तिगत रूप से भी बहुत से मील की पत्‍थर छुए हैं।

वहीँ यूपी में करारी हार के बाद अखिलेश यादव ने हार स्वीकार कर ली है। इसके साथ ही इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल राम नाईक को इस्तीफा सौंपा। लखनऊ में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाली सरकार हमसे बेहतर काम करें और जब तक ऐसा नहीं होता है हमारा काम बोलेगा। उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के संकेत दिए और कहा कि ये अच्छा है कि दो युवा नेता साथ आए हैं।

अखिलेश ने कहा कि बसपा नेता ने ईवीएम पर सवाल उठाया है और जब सवाल उठा है तो सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए। सपा नेता ने कहा कि बीजेपी ने प्रचार के दौरान लोगों के दरवाजे बंद कराके कहा है कि नोटबंदी का पैसा गरीबों को मिलेगा। हम देखेंगे कि गरीबों को कितना पैसा मिलता है। हमसे अच्छा काम करे आने वाली सरकार। हमने यूपी को आगे बढ़ाने का काम किया है।

यूपी का सीएम चुनने के लिए आज बीजेपी की बैठक

यूपी विधानसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सीटों पर जीत की ओर बढ़ रही बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि यूपी में मुख्यमंत्री पद के लिए नेता का चुनाव रविवार शाम को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि योग्यता के आधार पर मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाएगा। उऩ्होंने कहा कि यूपी का सीएम मैं नहीं बनूंगा, लेकिन पहली बैठक में मध्यम वर्ग के किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पार्टी मुख्यालय आएंगे और उनका स्वागत किया जाएगा।

दूसरी ओर मौजूदा विधानसभा चुनावों में भाजपा के शानदार प्रदर्शन ने विरोधियों को हैरत में डाल दिया है। सफलता का आलम ऐसा है‌ कि यूपी और उत्तराखड में तो मोदी लहर राम लहर से भी बड़ी होती दिख रही है। इतनी बड़ी सफलता की उम्‍मीद तो खुद भाजपा नेताओं ने भी नहीं की होगी, लेकिन राजनीति में कब क्या चमत्कार हो जाए कोई नहीं कह सकता।
देश की सियासत की दिशा बदलने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबको धो दिया है। बीजेपी ने 312 सीटें जीत ली हैं। सपा-कांग्रेस को सिर्फ 55 सीटें मिली हैं, जबकि बसपा को मात्र 19 सीटें हासिल हुई हैं। राष्ट्रीय लोक दल ने 1 सीट पर जीत हासिल की है। दूसरी ओर अपना दल ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 9 सीटों पर जीत हासिल की है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 4 सीटें मिली हैं। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल को 1 सीट, अन्य का आंकड़ा 3 का रहा है।

वोट प्रतिशत तो हुआ ज्यादा पर सीटें मिली कम

उत्तर प्रदेश में सपा के 21.8 प्रतिशत मतों के मुकाबले बसपा को 22.2 प्रतिशत वोट मिले हैं लेकिन सीटों के मामले में बसपा अपने प्रतिद्वंद्वी दल सपा से लगभग एक तिहाई जीत ही दर्ज कर पाई। इसी तरह रालोद को 1.8 प्रतिशत और अपना दल को 1.0 वोट मिले लेकिन रालोद एक सीट ही नसीब हुई जबकि अपना दल 9 सीटें जीतने में कामयाब रही।

उत्तर प्रदेश में वोट प्रतिशत
भाजपा 39.7
बसपा 22.2
सपा 21.8
कांग्रेस 6.2
रालोद 1.8
अपना दल 1
सुहेलदेव भासपा 0.7

यूपी – हारे दिग्गज
लक्ष्मीकांत वाजपेयी, मेरठ, भाजपा
अपर्णा यादव, लखनऊ कैंट, सपा
गायत्री प्रजापति, अमेठी, सपा
माता प्रसाद पांडे, इटवा, सपा
कुंवर जितिन प्रसाद, तिलहर, कांग्रेस

केसरिया रंग में रंगा उत्तराखंड 

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। पीएम मोदी की केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार की अपील राज्य के मतदाताओं के मन में उतर गई। उन्होंने भाजपा की झोली में रिकार्ड 56 सीटें डालकर प्रदेश में कमल खिला दिया है। भाजपा के इस शानदार प्रदर्शन के सामने कांग्रेस महज 11 सीटों पर सिमट गई।

दो प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव जीते। लोहाघाट सीट पर ईवीएम में तकनीकी खामी आ जाने के कारण एक बूथ पर 15 मार्च को फिर से मतदान कराया जाएगा। लिहाजा इस सीट का परिणाम रोक दिया गया है। इस सीट पर भाजपा बढ़त बनाए हुए है।

प्रदेश में हुए अब तक चार विधानसभा चुनावों में यह कांग्रेस का सबसे खराब और निराशाजनक प्रदर्शन है। पार्टी की करारी शिकस्त के बाद हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पद से राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। महाधिवक्ता वीबीएस नेगी ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है।

कार्यवाहक सीएम ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इसे मोदी क्रांति और ईवीएम का चमत्कार करार दिया। चुनाव में हरीश रावत समेत कई खांटी दिग्गजों को हार का मुंह देखना पड़ा। रावत हरिद्वार ग्रामीण व किच्छा से चुनाव हारे। उनकी कैबिनेट के दो मंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह के अलावा निर्दलीय चुनाव में उतरे प्रीतम पंवार ही चुनाव जीत पाए।

कैबिनेट मंत्री राजेंद्रसिंह भंडारी बदरीनाथ से, सुरेंद्र सिंह नेगी कोटद्वार से, मंत्री प्रसाद नैथानी देवप्रयाग से, दिनेश धनै टिहरी से व हरीश चंद्र दुर्गापाल लालकुआं से चुनाव हार गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को भी सहसपुर से हार का सामना करना पड़ा।

उधर, चुनाव में करिश्मा दिखाने वाली मोदी लहर के बावजूद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट रानीखेत से चुनाव हार गए। कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में गए 11 पूर्व विधायकों में नौ चुनाव मैदान में उतरे थे, जिनमें से सात ने चुनाव जीता। भाजपा ने कांग्रेस के बागी पूर्व सीएम विजय बहुगुण की सीट सितारगंज से उनके बेटे सौरभ बहुगुणा को मैदान में उतारा और उसका यह दांव सही साबित हुआ।

70 सीटों वाले उत्तराखंड में भी मोदी का मैजिक खूब चला है। बीजेपी ने 56 सीटों पर जीत हासिल की है और उसे 1 सीट पर बढ़त हासिल है। दूसरी ओर सत्ताधारी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उसे मात्र 11 सीटें मिली हैं, जबकि अन्य के खाते में 2 सीट आई हैं।

उत्तराखंड में हारे दिग्गज
हरीश रावत, मुख्यमंत्री (किच्छा व हरिद्वार ग्रामीण)
किशोर उपाध्याय, सहसपुर (कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष)
अजय भट्ट, रानीखेत (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष)

पंजाबः किंग मेकर बने कैप्टन, कांग्रेस को 77 सीटें

पंजाब के नतीजे यूपी के ठीक उलट रहे हैं। कांग्रेस ने 117 में से 77 सीट जीत ली हैं। बीजेपी को 3 जबकि शिरोमणि अकाली दल को 15 सीट मिली है। इसके अलावा छुपा रुस्तम मानी जा रही आम आदमी पार्टी को 20 सीट पर जीत मिली है। लोक इंसाफ पार्टी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है।

पंजाब – हारे दिग्गज
भगवंत मान, जलालाबाद, आप (सांसद)
गुरप्रीत घुग्गी, बटाला, आप

मणिपुर : सबसे बड़ी पार्टी बनी कांग्रेस

उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर में भी कांग्रेस को बढ़त मिली है। पार्टी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की है। साथ ही एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, बीजेपी को 21 सीटों पर जीत मिली है जबकि एक सीट पर उसे बढ़त है। विधानसभा की 59 सीटों वाले इस राज्य में एनपीएफ को 4 सीटें, लोक जनशक्ति पार्टी को 1, टीएमसी को 1, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 4 और अन्य के खाते में 1 सीट आई है।

‘आयरन लेडी’ इरोम को 90 वोट
इंफाल। मणिपुर विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। ‘आयरन लेडी’ वोटरों को अपनी ओर खींचने में पूरी तरह नाकाम रही। शर्मिला ने थाऊबल सीट से राज्य के सीएम ओकराम इबोबी सिंह को चुनौती दी थी। उन्हें महज 90 वोट ही मिले। वहीं, विजेता इबोबी को 18,649 वोट मिले। इस सीट पर दूसरे नंबर पर भाजपा के एल बसंता सिंह रहे, जिन्हें 8,179 वोट मिले।

गोवाः कांग्रेस ने बीजेपी को पछाड़ा

गोवा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रही है। कांग्रेस 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री रहे लक्ष्मीकांत पारेसकर चुनाव हार गए हैं। वहीं बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली है। इसके अलावा एनसीपी को 1, महाराष्ट्रवादी गोमांतक को 3, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को 3 अन्य को 3 सीटें मिली हैं। बता दें कि गोवा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी 21 सीटें चाहिए होती हैं।

गोवा – हारे दिग्गज
लक्ष्मीकांत पार्सेकर, मुख्यमंत्री, (मांद्रे)

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